• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. कोरोना वायरस
  4. corona death Indore

इंदौर के मुक्‍तिधाम ‘ओवर फ्लो’, सुबह ‘अंतिम संस्‍कार’, शाम को हो रहा ‘तीसरा’!

इंदौर के मुक्‍तिधाम ‘ओवर फ्लो’, सुबह ‘अंतिम संस्‍कार’, शाम को हो रहा ‘तीसरा’! - corona death Indore
  • रात 11 बजे तक कई शमशानों में हो रहा अंतिम संस्‍कार
  • कई शमशानों में प्रशासन रात के लिए लगवाए हेलोजन
  • मुक्‍तिधाम प्रबंधनों ने कहा सुबह मौत तो शाम को ही करें तीसरा
कोरोना संक्रमण की त्रासदी ने जीवन को लगभग लील लि‍या है। कहीं शमशान ओवर फ्लो हो गए हैं तो कहीं जमीन पर शव रखकर अंतिम संस्‍कार किए जा रहे हैं। वहीं किसी शहर में विद्युत शवगृह का इस्‍तेमाल किया जा रहा है, जिससे शमशानों में लग रही कतारों को छोटा किया जा सके।

मध्‍यप्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर की बात करें तो यहां मौतों का आंकड़ा डरावना है। कहा जा रहा है कि एक शमशान घाट में रोजाना 12 से 14 शव अंतिम संस्‍कार के लिए आ रहे हैं। इस तरह शहर में शमशानों की संख्‍या के मुताबि‍क मौत के इन आंकड़ों का अंदाजा लगाकर रूह ही कांप जाएगी। आलम यह है कि रात के वक्‍त तो दूर से ही चिताओं की ऊंची उठती हुई लपटें और धुआं नजर आ रहे हैं।

इसलिए मुक्‍तिधामों में कतारें
दरअसल, इंदौर के शमशानों में इंदौर निवासियों के साथ ही बाहर के संक्रमित मरीजों के भी अंतिम संस्‍कार किए जा रहे हैं, ऐसे में यहां मुक्‍तिधाम ओवरफ्लो की स्‍थि‍ति‍ में आ गए हैं। बाहर से आने वाले और इंदौर में इलाज के दौरान मरने वालों में नीमच, रतलाम, धामनोद, मंदसौर, उज्‍जैन, खलघाट बड़वानी, धार, जावरा, मक्‍सी, देवास, घोंसला और कन्‍नौद समेत कई शहर और इलाके शामिल हैं।

इन शमशानों में भयावह दृश्‍य
इंदौर के मुक्‍तिधाम जैसे विजय नगर, पंचकुईया, रीजनल पार्क, मालवा मिल, रामबाग समेत कई मुक्‍तिधामों में अंतिम संस्‍कार के दृश्‍य भयावह होते जा रहे हैं। हिंदू परंपरा में सूर्य अस्‍त होने के बाद अंति‍म संस्‍कार का नियम नहीं है, लेकिन हालत यह है कि कई शमशानों में सूर्य अस्‍त के बाद भी अंतिम संस्‍कार किए जा रहे हैं। रात को अंधेरे से बचने के लिए प्रशासन ने कुछ मुक्‍ति‍धामों में तो रोशनी के लिए हेलोजन तक लगवा दिए हैं, जिससे रात में भी क्रियाकर्म किए जा सकें।

एक ही दिन में तीसरा
शमशान घाटों में अंतिम संस्‍कार कराने वाले पंडितों की माने तो शहर के पंचकुईया, र‍ीजनल पार्क, तिलक नगर और मालवा मिल जैसे बड़े शमशानों में शवों का ज्‍यादा लोड है। ऐसे में मुक्‍तिधाम प्रशासन के सदस्‍यों ने मरने वालों के परिजनों से कहा है कि यदि सुबह अंतिम संस्‍कार किया गया है तो कृपया शाम को ही तीसरा का संस्‍कार भी कर दें। ताकि किसी दूसरे शव के अंतिम संस्‍कार के लिए शमशान में जगह खाली हो सके और उन्‍हें इंतजार न करना पड़े।

शुक्रवार रहा ब्‍लैक फ्राइडे
सूत्रों की माने तो पिछले शुक्रवार को इंदौर में मौतों का आलम यह था कि रीजनल पार्क जैसे बड़े शमशान का पूरा शेड एरिया शवों और चिताओं से भर गया था, इसके बाद भी वहां शवों के आने का सिलसिला खत्‍म नहीं हो रहा था। स्‍थि‍ति को संभालने के लिए जमीन पर ही शवों को रखकर अंतिम संस्‍कार किया गया।

अरविंदों को निर्देश की लवकुश ही जाए
सूत्रों के मुताबि‍क उधर प्रशासन ने अरविंदों अस्‍पताल को तो निर्देश ही जारी कर दिए हैं कि उनके अस्‍पताल में होने वाली मौतों को लवकुश वाले शमशान घाट पर ही लेकर जाएं और अंतिम संस्‍कार करें। क्‍योंकि शहर के प्रमुख मुक्‍तिधामों में जगह नहीं है। उल्‍लेखनीय है कि पंचकुईया के शमशान घाट में हाल ही में तब विवाद हो गया जब सामान्‍य मौत से मरने वाले एक शख्‍स के परिजन जब वहां पहुंचे और देखा कि यहां तो कोवि‍ड संक्रमण वालों की वजह से उनके लिए जगह ही नहीं हैं।

इधर आम लोगों में भी यह सवाल है कि जब शहर में इतनी मौतें हो रही हैं तो सरकार सही आंकड़ा क्‍यों नहीं बता रही है। मीड‍िया में भी सही जानकारी नहीं आने पर आमजन सवाल उठा रहे हैं।
ये भी पढ़ें
कितने बंटवारे और कितने पाकिस्तान बाक़ी हैं अभी?