इंदौर में 1026 सैंपलों में से 935 Negative, 91 नए Corona मरीज मिले, 3 नई मौतों के बाद मृतक संख्या 95
इंदौर। देश में कोरोना के हॉटस्पॉट (रेड जोन) में चौथे नंबर पर चल रहे इंदौर में मंगलवार को कुल 1026 सैंपलों की जांच रिपोर्ट में 935 की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव और 91 मरीजों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। 91 नए मरीजों के मिलने के बाद कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजो की संख्या 2107 पर पहुंच गई है। मंगलवार को इंदौर में 3 और मरीजों ने दम तोड़ दिया। शहर में अब तक 95 लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है। चार अस्पतालों से 49 मरीज भी डिस्चार्ज किए गए हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रवीण जड़िया ने देर रात अपने फाइनल मेडिकल बुलेटिन में बताया कि यह एक अच्छा संकेत है कि 1026 सैंपलों में सिर्फ 91 मरीजों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्होंने बताया कि मंगलवार की रात तक हमें 17 हजार 115 मरीजों के कोरोना सैंपलों की जांच रिपोर्ट मिल चुकी है।
डॉ. जड़िया के अनुसार इंदौर जिले में कोरोना पॉजिटिव के उपचारतर मरीजों की संख्या 1038 है। 49 मरीजों के डिस्चार्ज होने के बाद कोरोना जैसी घातक बीमारी को हराकर स्वस्थ होने वाले मरीजों का आंकड़ा 925 पर पहुंच गया है। जहां एक ओर कोरोना मरीजों की मौतें हो रही है तो दूसरी तरफ डिस्चार्ज मरीजों का सिलसिला भी जारी है।
सबसे ज्यादा 41 मरीज अरबिंदों से डिस्चार्ज : मंगलवार को जिन 49 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी गई है, उनमें 41 मरीज अरबिंदो अस्पताल के हैं। 5 मरीज एमटीएच अस्पताल से, 2 मरीज चोइथराम अस्पताल से और 1 मरीज इंडेक्स हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर अपने घर रवाना हुए हैं।
डिस्चार्ज किए गए सभी मरीजों ने उन्हें स्वस्थ करने में अहम भूमिका निभाने वाले डॉक्टरों, सहयोग देने वाले स्टॉफ और नि:शुल्क इलाज के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ कलेक्टर मनीष सिंह का शुक्रिया अदा किया।
अरबिंदो अस्पताल से डिस्चार्ज हुए बड़नगर के रहने वाले ऋषभ और अनीता वेद आज बेहद खुश है। इन्होंने बताया कि हमें 14 दिन पहले बड़नगर से लाकर यहां एडमिट किया गया। इलाज के दौरान हमें कोई परेशानी नहीं हुई। बहुत अच्छा इलाज किया गया। आज हम पूरी तरह से ठीक है।
टाटपट्टी बाखल में रहने वाले अब्दुल, खजराना में रहने वाले धीरज अग्रवाल, माणिक बाग में रहने वाले मुर्तजा ने भी उनके इलाज तथा इलाज के दौरान दी गई सुविधाओं और देखरेख से बेहद प्रसन्न है। इसी तरह रानीपुरा पत्ती बाजार में रहने वाले नसरीन अंसारी भी खुश हैं। उन्होंने बताया कि मैं और मेरा 3 वर्ष का पुत्र सुलेमान अंसारी भी कोरोना की महामारी से जंग लड़ रहे थे लेकिन सबके सहयोग से हमने यह जंग जीत ली।