Some interesting aspects related to the general budget
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Last Updated : गुरुवार, 11 जुलाई 2024 (14:18 IST)
Union Budget : आम बजट से जुड़े कुछ रोचक पहलू
भारत के संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार आम बजट देश का सालभर का वित्तीय लेखा-जोखा है, जो प्रतिवर्ष फरवरी के अंतिम कार्य दिवस पर भारत के वित्तमंत्री द्वारा संसद में पेश किया जाता है। पेश हैं आम बजट के इतिहास से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु :
भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को आरके शणमुखम चेट्टी द्वारा पेश किया गया था।
मोरारजी देसाई ने वित्तमंत्री के तौर पर 10 बार बजट पेश किया है। यह भारत के किसी भी वित्तमंत्री द्वारा सबसे अधिक बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड है।
पूर्व वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने 7 बार आम बजट पेश किया है।
1950 में बजट लीक हो गया था। तब यह राष्ट्रपति भवन में छपता था।
मोरारजी देसाई ने 29 फरवरी 1964 और 1968 को बजट पेश किया। वे भारत के एकमात्र वित्तमंत्री हैं, जिन्होंने अपने जन्मदिन पर बजट पेश किया।
भारत के इतिहास में अब तक केवल एक ही महिला वित्तमंत्री हुई हैं। इंदिरा गांधी। प्रणब मुखर्जी पहले राज्यसभा सदस्य हैं, जो वित्तमंत्री बने।
राजीव गांधी भारत के तीसरे ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं, जिन्होंने संसद में बजट पेश किया। इससे पहले पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने ऐसा किया था।
सन् 2000 तक बजट फरवरी माह के अंतिम कार्यदिवस को शाम 5 बजे पेश किया जाता था, लेकिन 2001 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बनने पर वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने ब्रिटिश समय पर आधारित यह परंपरा तोड़ी और तब से बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाता है।
निर्मला सीतारमण देश की पहली महिला नेता हैं, जो पूर्णकालिक वित्तमंत्री बनीं।
मोदी सरकार ने बजट को लेकर नई परंपरा की शुरुआत की। अब फरवरी के आखिरी कार्यदिवस की अपेक्षा एक फरवरी को पेश किया जाता है।
2017 से रेल बजट को भी आम बजट में समाहित कर दिया गया, जबकि 1924 से यह अलग से पेश किया जाता रहा था।