Buddha purnima 2024: भगवान बुद्ध के 5 चमत्कार जानकर आप चौंक जाएंगे
Buddha purnima 2024: बुद्ध के जन्म के बाद एक भविष्यवक्ता ने राजा शुद्धोदन से कहा था कि यह बालक चक्रवर्ती सम्राट बनेगा, लेकिन यदि वैराग्य भाव उत्पन्न हो गया तो इसे बुद्ध होने से कोई नहीं रोक सकता और इसकी ख्याति समूचे संसार में अनंतकाल तक कायम रहेगी। राजा शुद्धोदन सिद्धार्थ को चक्रवर्ती सम्राट बनते देखना चाहते थे इसीलिए उन्होंने सिद्धार्थ के आस-पास भोग-विलास का भरपूर प्रबंध कर दिया ताकि किसी भी प्रकार से वैराग्य उत्पन्न न हो। बस यही गलती शुद्धोदन ने कर दी और सिद्धार्थ के मन में वैराग्य उत्पन्न हो गया और वे गौतम बुद्ध बन गए।
1. पूर्व जन्म का ज्ञान : गौतम बुद्ध को अपने कई जन्मों की स्मृतियां थीं और यह भी वे अपने भिक्षुओं के भी कई जन्मों को जानते थे। यही नहीं वे अपने आसपास के पशु, पक्षी और पेड़-पौधे आदि के पूर्वजन्मों के बारे में भी भिक्षुओं को बता देते थे। जातक कथाओं में बुद्ध के लगभग 549 पूर्व जन्मों का वर्णन है।
2. पागल हाथी : कहते हैं कि एक बार बुद्ध को मारने के लिए एक पागल हाथी छोड़ा गया था लेकिन वह हाथी बुद्ध के पास आकर उनके चरणों में बैठ गया था। यह भी कहा जाता है कि वह हाथी एक बालक को कुचलने वाला था परंतु बुद्ध ने उस हाथी को अपने प्रभाव से शांत कर दिया था।
3. नदी पर पैदल चले : अंगुत्तर निकाय के अनुसार यह भी कहा जाता है कि एक बार उन्होंने एक नदी पर पैदल चलकर उसे पार किया था। संभवत: यह नदि निरंजना थी।
4. महामारी से बचाया : अंगुत्तर निकाय धम्मपद अठ्ठकथा के अनुसार वैशाली राज्य में तीव्र महामारी फैली हुए थी। मृत्यु का तांडव नृत्य चल रहा था। लोगों को समझ में नहीं आ रहा था कि इससे कैसे बचा जाए। हर तरफ मौत थी। लिच्छवी राजा भी चिंतित था। कोई उस नगर में कदम नहीं रखना चाहता था। दूर दूर तक डर फैला था। भगवान बुद्ध ने यहां रतन सुत्त का उपदेश दिया जिससे लोगों के रोग दूर हो गए।
5. जन्म, निर्वाण और मृत्यु का एक ही समय : बुद्ध ने अपने जन्म, संबोधि, निर्वाण और महापरिनिर्वाण में सभी समय का गजब तालमेल रखा। वैशाख पूर्णिमा के दिन नेपाल के लुम्बिनी वन में एक वृक्ष के नीचे बुद्ध का जन्म हुआ। इसी दिन उन्होंने बोधगया में एक वृक्ष के नीचे जाना कि सत्य क्या है और इसी दिन 80 वर्ष की उम्र में कुशीनगर में दो वृक्षों ने नीचे अलविदा कह गए।