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राजकुमार हिरानी से वेबदुनिया की Exclusive बातचीत

हम फिल्ममेकर बुरे लोग होते हैं : राजकुमार हीरानी

राजकुमार हिरानी से वेबदुनिया की Exclusive बातचीत - Rajkumar Hirani, Sanju, Sanjay Dutt
संजू फिल्म निर्देशित करने वाले राजकुमार हीरानी कहते हैं, "मुझे फिल्म बनाने के बाद हमेशा टेंशन हो जाता है. 3 इडियट्स के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ था। मुझे लगता है कि मैंने क्या बना दिया। पहले-पहले मेरा ये व्यवहार अजीब भी लगता था, लेकिन अब नहीं लगता। दरअसल मैं अभिजात के साथ फिल्म लिख रहा हूं उसमें समय लगता है, फिर शूटिंग, फिर डबिंग, फिर एडिटिंग यानी एक एक सीन को मैं तो 5000 बार देख चुका होता हूं तो फनी सीन में भी हंसी नहीं आती। कोई इमोशन भी नहीं बचता। फिर मुझे टेंशन होता है कि मुझे कुछ महसूस क्यों नहीं होता? ऐसे में सोचना पड़ता है कि पहली बार में हंसी आई थी या फिर किसी को बुला कर उनके निर्णय पर भरोसा करना पड़ता है।" राजकुमार हीरानी ने अपनी फिल्म 'संजू' से जुड़ी कई बातें वेबदुनिया संवाददाता रूना आशीष से भी शेयर कीं। 
 
जब कभी ऐसी स्थिति बन जाती है तो किसे सबसे पहले बुलाते हैं? 
मुझे मेरे आस पास वो माहौल देना पड़ता है कि मेरे लोग आ कर मुझे कह सकें कि क्या सोचते हैं। उन्हें यही कहता हूं कि क्या बुरा लगा है वो भी बताना है। जब मैं ऑफिस वालों को दिखा लेता हूं तो फिर सोचता हूं कि अगर 10 लोग ये कह रहे हैं तो ज़रूर कोई बात है, वरना अभिजात तो है ही मेरे साथ। मुझस सबसे सही बात विनोद (विदु विनोद चोपड़ा) की लगती है क्योंकि वे फिल्म बनाने की प्रोसेस में कहीं पर शामिल नहीं होते। वे सीधे मूंह पर बता देते हैं। अच्छा है आपके पास ऐसे लोग हैं जो मुझे गालियां दे-दे कर बता देते हैं कि कहां चूक गया। 


 
संजू बनाने की बात कहां से शुरू हुई? 
हम फिल्ममेकर बड़े बुरे और असंवेदनशील लोग होते हैं। हम हर जगह जाते हैं और हर चीज़ जो घट रही हो उसे देख कर कह देते हैं कि ऐसा फिल्म में इस्तेमाल कर लूं। यानी कभी-कभी तो ऐसा भी होता है कि हम ये नहीं कहते कि कुछ अच्छा या बुरा हो गया, हम कह देते हैं कि यार सीन हो गया है। हम तो कभी-कभी जनाज़े में भी कुछ देख लें तो सोचते हैं फिल्मांकन करेंगे तो कैसी लगेगा? हम कोई ठीक लोग थोड़े ही हैं।  
 
राजू आगे बताते हैं- हम तो मुन्नाभाई की अगली किश्त पर काम कर रहे थे। एक दिन संजू का फोन आया और मैं उनसे मिलने पहुंच गया। बातचीत हुई। उसने जेल की कई बातें बताईं। अगले दिन मैं पीके एडिट कर रहा था तो उसने फिर बुला लिया। मैं व्यस्त था, लेकिन फिर सोचा कि पैरोल पर आया है। कम समय को लिए आया है। चलो चलते हैं। फिर संजू ने बताना शुरू किया कि उसने कहां गलती की। वह पूरी ईमानदारी से बताता रहा। मेरे लिए ये सब नया था। मैं संजू के साथ काम कर चुका हूं, लेकिन हम कभी गहरे दोस्त नहीं रहे। मेरे लिए संजू एक कलाकार हैं जो मेरी फिल्म में काम करते हैं। लेकिन उस दिन मैं उसे सुनता रहा। सुनते-सुनते खयाल आया कि ये तो एक बाप बेटे की कहानी है। ये दोस्ती की कहानी है। फिर हम 25 दिनों तक रोज़ साथ बैठे। मैंने अभिजात को भी बुला लिया था। मैं सुबह से शाम 5 बजे तक एडिट करता फिर जाकर संजू की बातें सुनता जो रात 3 बजे तक चलती थीं। फिर मुझे लगा कि मुन्ना भाई बाद में लिखते हैं, पहले संजू पर काम कर लेते हैं। 


 
आपकी फिल्मों को देख कर लगता है कि आप बड़े सितारों के साथ ही काम करना पसंद करते हैं? 
नहीं। मुझे नए चेहरों के साथ काम करना भी पसंद है। पहले कहानी लिखते हैं, फिर देखते हैं कौनसा हीरो सही लगेगा। जब संजय दत्त सही लगा तो उसके साथ काम किया। संजू के लिए रणबीर सही लगा। आमिर जैसे सितारों की बात करूं तो उन्हें खूब अनुभव है। उन्हें कहानी और मीडियम दोनों की समझ है। कैमरा उनकी पीठ की तरफ भी है तो उन्हें मालूम है कि उनकी रेंज कितनी होगी। वे उतना ही हलचल करेंगे, जबकि नए एक्टर्स तो फ्रेम से बाहर चले जाएंगे। तो ऐसे एक्टर के साथ काम करना हमेशा अच्छा ही लगता है। 
 
यानी आमिर हमेशा से 3 इडियट्स के लिए पहली पसंद रहे हैं? 
बिल्कुल नहीं। आमिर और विनोद चोपड़ा की किसी और फिल्म को ले कर बात चल रही थी। तब उसने पूछा राजू क्या कर रहा है? विनोद ने समझाया कि राजू की फिल्म स्टूडेंट्स की कहानी है, तुम फिट नहीं होने वाले। इस पर आमिर बोला राजू को बोलो कि वो एक बार कहानी सुना दे। मैंने सुना दी तब जा आमिर ने कहा कि मैं स्टूडेंट लग तो सकता हूं, लेकिन मैं कैसा फील करूंगा ये मुझे नहीं मालूम। उस समय आमिर ने गजनी खत्म ही की थी और वे बड़े कद्दावर लगते थे। मैंने सोचा जब आमिर को लगता है कि वो कर लेगा तो ठीक है। अब इस फिल्म में विकी को देख लेना, वह भी तो नया है, लेकिन उसका रोल बहुत अहम है। मैंने जब उसका ऑडिशन लिया तो पूछा कौन है ये? बुला लो इसे। 
 
तो इस फिल्म से आपके दर्शक क्या सीखेंगे. 
(हंसते हुए) अरे मैं लेक्चर देता रहता हूं क्या? इस फिल्म में बाप-बेटे के लम्हे होंगे। दोस्ती की कहानी होगी और बहुत सारा ड्रामा होगा जो आपने मेरी अभी तक मेरी फिल्मों में नहीं देखा होगा।
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