बीजेपी सांसद कंगना रनौत के हालिया बयान से उनकी पार्टी ने ख़ुद को अलग कर लिया है। पार्टी ने कंगना को चेतावनी भी दी है और कहा है कि नीतिगत मामलों पर बयान देने के लिए कंगना रनौत अधिकृत नहीं हैं।
हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने एक अख़बार को दिए इंटरव्यू में किसान आंदोलन पर बयान दिया था और इसे बांग्लादेश की घटना से जोड़ा था।
कंगना ने यह भी दावा किया था कि भारत में चीन और अमेरिका जैसी विदेशी शक्तियाँ काम करती हैं। बीजेपी ने कंगना रनौत को सख़्त हिदायत देते हुए कहा कि वे इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें।
बीजेपी के केंद्रीय मीडिया विभाग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि बीजेपी सांसद कंगना रनौत का किसान आंदोलन पर दिया गया बयान पार्टी का मत नहीं है।
कंगना का बयान क्या था
कंगना रनौत फ़िल्म अभिनेत्री हैं। वो कई बार अपने बयानों की वजह से विवादों में रह चुकी हैं। बीजेपी ने उन्हें इस साल के लोकसभा चुनावों में हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से लोकसभा का टिकट दिया था। लोकसभा चुनाव जीतकर कंगना रनौत पहली बार सांसद बनी हैं।
कंगना रनौत ने एक अख़बार को दिए हालिया इंटरव्यू में कहा था कि 'जो बांग्लादेश में हुआ है वो यहाँ (भारत में) होते हुए भी देर नहीं लगती अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व सशक्त नहीं होता।'
कंगना ने बांग्लादेश में हाल में हुए आंदोलन और सत्ता परिवर्तन को भारत के किसान आंदोलन से जोड़ा और कहा, "यहाँ पर जो किसान आंदोलन हुए, वहाँ पर लाशें लटकी थीं, वहाँ रेप हो रहे थे... "
"किसानों की बड़ी लंबी प्लानिंग थी, जैसे बांग्लादेश में हुआ। इस तरह के षडयंत्र... आपको क्या लगता है किसानों...? चीन, अमेरिका... इस इस तरह की विदेशी शक्तियाँ यहां काम कर रही हैं।"
बीजेपी ने कंगना के बयान पर कहा है, "बीजेपी रनौत के बयान से असहमति व्यक्त करती है। पार्टी की ओर से, पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए कंगना रनौत को न तो अनुमति है और न ही वे बयान देने के लिए अधिकृत हैं।"
बीजेपी ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी की ओर से कंगना रनौत को निर्देशित किया गया है कि वे इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें।''
पार्टी ने आगे बताया, "भारतीय जनता पार्टी 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' तथा सामाजिक समरसता के सिद्धांतों पर चलने के लिए कृत संकल्पित है।"
तीन कृषि क़ानूनों को लेकर हुए किसान आंदोलन के दौरान कंगना रनौत के कई बयानों को लेकर विवाद हो चुका है।
कंगना के वो बयान जिन पर हो चुका है विवाद
लोकसभा सांसद बनने के बाद दिल्ली आ रही कंगना रनौत को मोहाली एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ़ की एक महिला कॉन्स्टेबल ने कथित तौर पर थप्पड़ मारा था।
कुलविंदर कौर नाम की महिला कॉन्स्टेबल का कहना था कि कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान जो बयान दिया था उससे वो नाराज़ हैं। किसान आंदोलन के दौरान और उसके अलावा भी कई मौक़ों पर कंगना कई बार अपने बयानों के लिए सुर्खियों में रही थीं। जानिए वो बयान।
1. किसान आंदोलनकारियों पर बयान
दिसंबर 2020 में बीबीसी ने 88 साल की बुजुर्ग महिला किसान महिंदर कौर का एक वीडियो पोस्ट किया था। महिंदर झुकी हुई कमर के बावजूद झंडा लिए पंजाब के किसानों के साथ मार्च करती नज़र आ रही थीं।
महिंदर कौर की इस तस्वीर के बाद सोशल मीडिया पर उनकी तुलना शाहीन बाग़ प्रदर्शन की अगुवाई करने वाली बिलकीस दादी से भी की जाने लगी थी। उस वक्त कंगना रनौत ने बिलकीस और महिंदर कौर दोनों की तस्वीरें एक साथ ट्वीट करते हुए तंज़ कसा था, "हा हा। ये वही दादी हैं, जिन्हें टाइम मैगज़ीन की 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की लिस्ट में शामिल किया गया था... और ये 100 रुपये में उपलब्ध हैं।"
सीआईएसएफ़ की महिला कॉन्स्टेबल ने दावा किया था कि वो कंगना के इसी बयान से नाराज़ थीं और कहा था कि किसान आंदोलन में ख़ुद उनकी मां भी शामिल हुई थीं।
2. राहुल गांधी पर टिप्पणी
जुलाई महीने में संसद सत्र के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शिव और महाभारत की कथा के चक्रव्यूह का ज़िक्र किया था। कंगना रनौत ने राहुल गांधी पर बयान दिया था कि 'वो जिस तरह की बदहवास बातें करते हैं उनका टेस्ट होना चाहिए कि क्या हो कई ड्रग्स लेते हैं।' कंगना ने अपने इस तरह के बयान का एक वीडियो अपने सोशल मीडिया एक्स पर भी रिपोस्ट किया था।
3. शंकराचार्य पर उठाए सवाल
बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने शंकराचार्य के ऊपर भी जुलाई के महीने में सवाल खड़े किए थे। महाराष्ट्र में राजनीतिक दलों की टूट और एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने लिखा था कि 'राजनीतिज्ञ राजनीति नहीं करेगा तो क्या गोलगप्पे बेचेगा।'
उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर इसी मुद्दे से जुड़े एक पोस्ट में लिखा था कि शंकराचार्य जी ने महाराष्ट्र के हमारे माननीय मुख्यमंत्री जी को अपमानजनक शब्दावली से ग़द्दार, विश्वासघाती जैसे आरोप लगाते हुए हम सब की भावनाओं को ठेस पहुचाई है, शंकराचार्य जी इस तरह की छोटी और ओछी बातें करके हिन्दू धर्म की गरिमा को ठेस पहुँचा रहे हैं। इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर कंगना के समर्थक और विरोधी आपस में भिड़ गए थे।
4. 'असली आज़ादी साल 2014 में मिली'
साल 2021 में एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कंगना रनौत ने कहा था कि 'भारत को साल 1947 में भीख में आज़ादी मिली थी और देश को असली आज़ादी साल 2014 में मिली।'
दरअसल भारत को अंग्रेज़ों से साल 1947 में 15 अगस्त के दिन आज़ादी मिली थी। यह आज़ादी लंबी लड़ाई और संघर्ष के बाद मिली थी। जबकि साल 2014 में नरेंद्र मोदी पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने थे। कंगना के इस बयान के बाद भी बड़ा विवाद हुआ था।
5. तापसी पन्नू और स्वरा भास्कर को बता चुकी हैं बी-ग्रेड अभिनेत्री
फ़िल्म अभिनेत्री तापसी पन्नू और स्वरा भास्कर पर कंगना की एक टिप्पणी सोशल मीडिया पर बहस में बदल गई थी। कंगना एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में दोनों अभिनेत्रियों को बी-ग्रेड अभिनेत्री बताया था।
कंगना रनौत के किसानों पर दिए हालिया बयान के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे कई विपक्षी दलों को बीजेपी पर पलटवार करने का मौक़ा भी मिल गया है।
बीजेपी पर विपक्ष का हमला
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है जहां से बड़ी संख्या में किसान आंदोलन में शामिल हुए थे। इसके अलावा अगले कुछ दिनों में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं और यहां के किसान भी कई तरह की मांगों को लेकर आंदोलन में उतर चुके हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक प्रेस कांफ़्रेस कर केंद्र में सत्तारुढ़ बीजेपी से सवाल किया है कि वो अमेरिका और चीन की भूमिका के बारे में बताए और अगर यह ग़लत है जिसने ऐसा बोला है उन्हें पार्टी से बाहर करें।
सुप्रिया श्रीनेता ने आरोप लगाया है कि भारत में किसानों के ऊपर ऐसी टिप्पणी कभी भी किसी ने नहीं की थी और बीजेपी महज़ 'यह पार्टी का बयान नहीं' कहकर बच नहीं सकती। ऐसे समय में कंगना के बयान के बाद बीजेपी ने पहली बार उनको इस तरह की सख़्त भाषा में सार्वजनिक तौर पर चेतावनी दी है।
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित