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Shubh Vivah Muhurat 2022 : वर्ष 2022 में कब हैं विवाह की सबसे शुभ तारीखें, किस योग में करें शादी तो होगी सफल

Shubh Vivah Muhurat 2022 : अगले वर्ष 2022 में कब हैं विवाह की सबसे शुभ तारीखें, किस योग में करें शादी तो होगी सफल - Vivah Muhurat 2022
Shubh Vivah Muhurat 2022
Shubh Vivah Muhurat 2022 : वर्ष 2022 में विवाह की किस माह में कौनसी तारीखें शुभ है और है विवाह का शुभ समय और शुभ योग। आओ जानते हैं वर्ष 2022 के विवाह के शुभ मुहूर्त की एक लिस्ट।
 
 
1. जनवरी 2022 में विवाह के शुभ मुहूर्त: 22, 23 और 24 तारीख को शादी करना शुभ रहेगा।
 
2. फरवरी 2022 में विवाह के शुभ मुहूर्त: 4, 5, 6, 7, 9, 10, 18 और 19 तारीख को शादी करना शुभ रहेगा।
 
3. मार्च 2022 में विवाह के शुभ मुहूर्त : मार्च में कोई मुहूर्त नहीं है फिर भी कुछ ज्योतिषियों के अनुसार 4 और 9 बताई गई है।
 
4. अप्रैल 2022 में विवाह के शुभ मुहूर्त: 15, 16, 17, 19, 20, 21, 22, 23, 24 और 27 तारीख को विवाह करना शुभ होगा।
 
 
5. मई 2022 में विवाह के शुभ मुहूर्त: 02, 03 (अक्षय तृतीया), 09, 10, 11, 12, 15, 17, 18, 19, 20, 21, 26, 27 और 31 तारीख को शादी करना शुभ रहेगा।
 
6. जून 2022 में विवाह के शुभ मुहूर्त: 01, 05, 06, 07, 08, 09, 10, 11, 13, 17, 23 और 24 तारीख को शादी करना शुभ रहेगा।
 
7. जुलाई 2022 में विवाह के शुभ मुहूर्त: 04, 06, 07, 08 और 09 तारीख को शादी करना शुभ रहेगा।
 
8. अगस्त 2022 में विवाह के शुभ मुहूर्त: कोई शुभ मुहूर्त नहीं।
 
9. सितम्बर 2022 में विवाह के शुभ मुहूर्त: कोई शुभ मुहूर्त नहीं।
 
10. अक्टूबर 2022 में विवाह के शुभ मुहूर्त: कोई शुभ मुहूर्त नहीं।
 
11. नवम्बर2022 में विवाह के शुभ मुहूर्त: 25, 26, 28 और 29 तारीख को शादी करना शुभ रहेगा।
 
12. दिसम्बर 2022 में विवाह के शुभ मुहूर्त: 01, 02, 04, 07, 08, 09 और 14 तारीख को शादी करना शुभ रहेगा।
विवाह के लिए शुभ दिन : सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार दिनों को अनुकूल माना जाता है, जबकि मंगलवार के दिन को विवाह समारोह के लिए अशुभ माना जाता है।
 
 
अनुकूल तिथियां- द्वितीया तिथि, तृतीया तिथि, पंचमी तिथि, सप्तमी तिथि, एकादशी तिथि और त्रयोदशी तिथि विवाह के लिए शुभ होती है।
 
शुभ मुहूर्त : शादी करने के लिए अभिजीत मुहूर्त और गोधुली वेला को सबसे शुभ माना गया है।
 
शुभ लग्न : मिथुन राशि, कन्या राशि और तुला राशि।
 
शुभ तारा : शुक्र और बृहस्पति तारा उदय होना चाहिए।
 
सूर्य भ्रमण : मेष राशि, वृषभ राशि, मिथुन राशि, वृश्चिक राशि, मकर राशि और कुंभ राशि।

 
शुभ नक्षत्र : 1. रोहिणी नक्षत्र (चौथा नक्षत्र), 2. मृगशिरा नक्षत्र (पांचवा नक्षत्र), 3. मघा नक्षत्र (दसवां नक्षत्र), 4. उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र (बारहवां नक्षत्र), 5. हस्त नक्षत्र (तेरहवां नक्षत्र), 6. स्वाति नक्षत्र (पंद्रहवां नक्षत्र), 7. अनुराधा नक्षत्र (सत्रहवां नक्षत्र), 8. मूल नक्षत्र (उन्नीसवां नक्षत्र), 9. उत्तराषाढ़ नक्षत्र (इक्कीसवां नक्षत्र), 10. उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र (छब्बीसवां नक्षत्र) और 11. रेवती नक्षत्र (सत्ताईसवाँ नक्षत्र)।
 
 
शुभ करण : किन्स्तुघना करण, बावा करण, बलवी करण, कौलव करण, तैतिला करण, गारो करण और वनिजा करण
 
शुभ योग : विवाह के लिए निम्नलिखित 3 योग शुभ माने जाते हैं। उपरोक्त वर्णित विवाह की दिनांक में जब भी ये योग हो उस योग को सबस शुभ मानें।
 
1. प्रीति योग : जैसा कि इसका नाम है प्र‍ीति योग इसका अर्थ यह है कि यह योग परस्पर प्रेम का विस्तार करता है। अक्सर मेल-मिलाप बढ़ाने, प्रेम विवाह करने तथा अपने रूठे मित्रों एवं संबंधियों को मनाने के लिए प्रीति योग में ही प्रयास करने से सफलता मिलती है। इसके अलावा झगड़े निपटाने या समझौता करने के लिए भी यह योग शुभ होता है। इस योग में किए गए कार्य से मान सम्मान की प्राप्ति होती है।
 
 
2. सौभाग्य योग : यह योग सदा मंगल करने वाला होता है। नाम के अनुरूप यह भाग्य को बढ़ाने वाला है। इस योग में की गई शादी से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। इसीलिए इस मंगल दायक योग भी कहते हैं। लोग मुहूर्त तो निकलवा लेते हैं परंतु सही योग के समय में प्रणय सूत्र में नहीं बंध पाते। अत: सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए सौभाग्य योग में ही विवाह के बंधन में बंधने की प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिए।
 
 
3. हर्षण योग : हर्ष का अर्थ होता है खुशी, प्रसन्नता। अत: इस योग में किए गए कार्य खुशी ही प्रदान करते हैं। हालांकि इस योग में प्रेत कर्म यानि पितरों को मनाने वाले कर्म नहीं करना चाहिए।