Mesh sankranti 2024: मेष संक्रांति कब है, क्या है इसका महत्व?
Mesh sankranti 2024: जब सूर्य मेष राशि में जाता है उस दिन से सूर्य कैलेंडर या कहें कि सौर मास का पहला माह प्रारंभ होता है। सूर्य के मेष में जाने से मेष संक्रांति होती है। इस बार सूर्य 13 अप्रैल 2024 शनिवार को मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेगा और तब खरमास यानी मलमास भी समाप्त हो जाएगा। मेष संक्रांति के दिन ही बैशाखी पर्व भी रहेगा।
मेष संक्रांति का पुण्य काल- 12:22 पीएम से 06:46 पीएम
मेष संक्रांति का महा पुण्य काल- 04:38 पीएम से 06:46 पीएम
मेष संक्रांति mesh Sankranti : सूर्य के मेष राशि में प्रवेश को मेष संक्रांति कहते हैं। मेष संक्रांति को वर्ष की शुरुआत का समय भी माना जाता है। यह आमतौर पर अप्रैल माह में होती है। इस दिन को भारत के कई राज्यों में त्योहार के तौर पर मनाया जाता है। जैसे बंगाल में पोहेला बोइशाख, पंजाब में बैसाखी, ओडिशा में पाना संक्रांति आदि। खगोलशास्त्र के अनुसार मेष संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायन की आधी यात्रा पूर्ण कर लेते हैं। सौर-वर्ष के दो भाग हैं- उत्तरायण छह माह का और दक्षिणायन भी छह मास का। सूर्य का मेष राशि में प्रवेश सौरवर्ष या सोलर कैलेंडर का पहला माह है।
मेष संक्रांति सौर मास का पहला माह भी माना गया है। सूर्य की एक संक्रांति से दूसरी संक्रांति का समय सौरमास कहलाता है। यह मास प्राय: तीस दिन का होता है। सूर्य एक राशि में 30 दिन तक रहता है। सौर माह का पहला माह है मेष। सौरमास के नाम : मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, कुंभ, मकर, मीन।
सूर्य पूजा : इस दिन सूर्य पूजा का खास महत्व रहता है। सूर्य पूजा से मान-सम्मान में वृद्धि होती है। इस दिन विधिवत रूप से सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करें।
मेष संक्रांति का फल : महंगाई बढ सकती है। लोग खांसी से परेशान रहेंगे। सरकारी कर्मचारियों के लिए यह संक्रांति अच्छी मानी जा रही है। दो राष्ट्रों के बीच संघर्ष होगा और बारिश कम होने के कारण सूखे की सम्भावना बनेगी। एक माह अति कष्टपूर्ण समय रहेगा।