गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. आलेख
  4. Guru Pushya Shubh Sanyog
Written By

7 दिसंबर को गुरु-पुष्य योग, जानिए विशेष महत्व

7 दिसंबर को गुरु-पुष्य योग,  जानिए विशेष महत्व - Guru Pushya Shubh Sanyog
ज्योतिष शास्त्र में पंचांग के अंतर्गत नक्षत्र द्वितीय स्थान पर है। नक्षत्र चंद्रमा की स्थिति को इंगित करते हैं जो मन व धन के अधिष्ठाता हैं। हर नक्षत्र में इनकी उपस्थिति विभिन्न प्रकार के कार्यों की प्रकृति व क्षेत्र को निर्धारण करती है।
 
इनके अनुसार किए गए कार्यों में सफलता की मात्रा अधिकतम होने के कारण उन्हें मुहूर्त के नाम से जाना जाता है।
 
मुहूर्त का ज्योतिष शास्त्र में स्थान एवं जनसामान्य में इसकी महत्ता विशिष्ट है। पुष्य नक्षत्र को शुभतम माना गया है। जब यह नक्षत्र सोमवार, गुरुवार या रविवार को आता है, तो एक विशेष वार नक्षत्र योग निर्मित होता है। जिसका संधिकाल में सभी प्रकार का शुभ फल सुनिश्चित हो जाता है। 
 
गुरुवार को इस नक्षत्र के आने से गुरु पुष्य नामक योग का सृजन होता है। यह क्षण वर्ष में कभी-कभी आता है। इसलिए इसमें किए गए पुण्य कार्य अथवा आर्थिक कार्य स्थायी रहते हैं। इसलिए शुभ कार्यों को इस अवधि में प्रारंभ करना श्रेष्ठतम बताया है। 
 
व्यापार का मूल आधार हिसाब-किताब (जो बही, डायरी, सीडी, फ्लापी, कॉपी, रजिस्टर, कम्प्यूटर में रखा जाता है) को इस दिन क्रय करने से वर्षपर्यंत व्यापार में प्रगति व विवादहीनता की स्थिति बनती है।
ये भी पढ़ें
गुरु पुष्य शुभ संयोग : अवसर ना जाने दें, सौभाग्य को आने दें