नागपंचमी पर कैसे करें पूजन।
नागपंचमी के शुभ मुहूर्त जानें।
नागदेवता के पूजन का पर्व नागपंचमी।
Nag Panchami Aaj: आज भारतभर में सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नागदेवता का पावन पर्व 'नागपंचमी' मनाया जा रहा है। यदि आप घर पर पूजन कर रहे हैं तो चांदी, पीतल या तांबे के नाग-नागिन के जोड़े की पूजा शिव जी के साथ ही करना सही होता है, क्योंकि इस दिन सिर्फ नाग प्रतिमा, नाग देवता का चित्र, तांबे, आटे, पीतल या चांदी के बने नाग की ही पूजा करना चाहिए।
नागपंचमी के दिन शिव जी के साथ ही शिवलिंग पर स्थापित नाग देवता का पूजन करना उचित है। आज के यदि आप इस शुभ मुहूर्त में पूजन करते हैं तो आपको इससे कई शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं।
आइए यहां जानते हैं 09 अगस्त, दिन शुक्रवार के पूजा के शुभ मुहूर्त और आसान विधि...
शुक्रवार, 9 अगस्त 2024 : नागपंचमी के शुभ मुहूर्त : Nag Panchami Muhurat 2024
इस बार श्रावण शुक्ल पंचमी तिथि का प्रारंभ- 09 अगस्त 2024 को रात्रि 12:36 से।
पंचमी तिथि का समापन- 10 अगस्त 2024 को तड़के 03:14 पर होगा।
नाग पूजा का सबसे अधिक शुभ मुहूर्त- तड़के 05:47 से 08:27 मिनट तक।
आज का शुभ समय : Nag Panchami Puja ka Shubh Samay
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:53 तक।
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:39 से 03:33 तक।
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 07:06 से 07:27 तक।
- सायाह्न सन्ध्या: शाम 07:06 से 08:10 तक।
- अमृत काल: शाम 07:57 से 09:45 तक।
- निशिथ काल: रात्रि 12:05 से 10 अगस्त को 12:48 तक।
- रवि योग: 10 अगस्त को अर्द्धरात्रि 02:44 से 05:48 तक।
आज का पूजन मंत्र : Nag Panchami Mantra
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शंखपालं धार्तराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा।।
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायंकाले पठेन्नित्यं प्रात: काले विशेषत:।
तस्मै विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्।।
नाग पंचमी पूजा विधि : Nag Panchami Puja Vidhi
- नाग पंचमी के दिन सुबह दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नानादि करके स्वच्छ और सफेद वस्त्र धारण करें।
- फिर नाग पूजन के स्थान अथवा मंदिर की साफ-सफाई करें।
- पूजा स्थान पर उचित दिशा में लकड़ी का एक पाट या चौकी लगाएं और उस पर लाल कपड़ा बिछा दें।
- अब उस पाट पर नाग का चित्र, मिट्टी की मूर्ति या चांकी के नाग को विराजमान करें।
- अब चित्र या मूर्ति पर गंगा जल छिड़क कर उन्हें स्नान कराएं और नाग देवता को प्रणाम करके उनका आह्वान करें।
- फिर हल्दी, रोली/लाल सिंदूर, चावल और फूल लेकर नाग देवता को अर्पित करें।
- नाग देवता की पंचोपचार पूजा करें।
- फिर कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर नाग मूर्ति पर अर्पित करें।
- पूजन के पश्चात नाग देवता की आरती करें।
- आज के दिन नागपंचमी की कथा अवश्य पढ़ें अथवा सुनें।
- सुबह की तरह ही सायंकाल के समय भी पूजन और आरती करें।
- पूजन-आरती के पश्चात दान-धर्म के कार्य करें।
- फिर व्रत का पारण करें।
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