• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. अलविदा 2023
  4. indian economy in 2023
Written By
Last Modified: रविवार, 31 दिसंबर 2023 (12:43 IST)

2023 में भारत कैसे बना दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था

2023 में भारत कैसे बना दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था - indian economy in 2023
Economy 2023 : भारत ने 2023 में वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थतियों का निर्णायक तरीके से सामना किया और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्था का दर्जा कायम रखा। बढ़ती मांग, घटती महंगाई, स्थिर ब्याज दर परिदृश्य और मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार की वजह से 2023 में भी भारतीय अर्थव्यवस्था की चमक बनी रही।
दुनिया के विकसित देशों में व्यापक निराशावाद और बिगड़ती भू-राजनीतिक स्थिति के बावजूद मार्च तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही। जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जबकि सितंबर तिमाही में वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रही।
 
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था की यह रफ्तार दिसंबर तिमाही में भी जारी रहने की उम्मीद है। इस तरह भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। यानी भारत इस मामले में चीन से आगे रहेगा।
 
आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) के ताजा वृद्धि अनुमान के अनुसार, भारत 2023 में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा, जो चीन और ब्राजील की वृद्धि दर क्रमशः 5.2 प्रतिशत और 3 प्रतिशत से कहीं अधिक है।
ओईसीडी का अनुमान है कि 2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.1 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जबकि चीन की वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत रहेगी। हालांकि, भारत के संदर्भ में ओईसीडी के वैश्विक वृद्धि दर के अनुमान को कुछ कम माना जा रहा है।
 
वहीं दूसरी ओर अमेरिका, ब्रिटेन और जापान सहित कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में नए साल में आर्थिक वृद्धि दर में या तो गिरावट आ सकती है, या इनमें मामूली बढ़ोतरी हो सकती है।
 
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के विश्व आर्थिक परिदृश्य के अनुसार, वैश्विक वृद्धि 2022 में 3.5 प्रतिशत से घटकर 2023 में 3 प्रतिशत और 2024 में 2.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
 
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की सदस्य आशिमा गोयल ने कहा कि भारत की वृद्धि ने कई बाहरी झटकों के बावजूद काफी जुझारू क्षमता दिखाई है। उन्होंने कहा कि लोगों को बेहतर कौशल और संपत्ति से लैस करने से 2024 और उससे आगे भारत अच्छी वृद्धि हासिल कर सकता है।
 
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि आने वाले वर्ष में भूराजनीतिक घटनाक्रम फिर से भारत की घरेलू मांग की मजबूती का परीक्षण करेगा। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि आने वाले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहेगी, जो चालू वित्त वर्ष से कुछ कम है।
 
अर्थव्यवस्था पर भारतीय रिजर्व बैंक के एक हालिया लेख में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भारत 2023 में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहा।
 
एमपीसी के सदस्य जयंत आर वर्मा ने कहा कि कुछ कठिन वर्षों के बाद आर्थिक माहौल बेहतर हो रहा है। महंगाई घट रही है और वृद्धि बढ़ रही है। ज्यादातर अनुमानों में कहा गया है कि 2024-25 में भारत की वृद्धि दर 2023-24 की तुलना में कुछ कम रहेगी। वृद्धि की राह में सबसे बड़ा जोखिम वैश्विक अर्थव्यवस्था की सुस्ती और भूराजनीतिक दबाव है। (भाषा)
ये भी पढ़ें
निर्यात के लिए अच्छा रहेगा नया साल, 900 अरब डॉलर से ज्‍यादा की उम्‍मीद