• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. वेब-वायरल
  4. Germans left their cars on road to protest petrol price hike fake photo
Written By
Last Updated : बुधवार, 12 सितम्बर 2018 (14:16 IST)

जानिए पेट्रोल के दाम बढ़ने पर जर्मनी के लोगों द्वारा किए गए अनोखे विरोध प्रदर्शन का सच..

जानिए पेट्रोल के दाम बढ़ने पर जर्मनी के लोगों द्वारा किए गए अनोखे विरोध प्रदर्शन का सच.. - Germans left their cars on road to protest petrol price hike fake photo
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने देशभर में हाहाकार मचा रखा है। इस बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। इस तस्वीर में कई गाड़ियाँ कतारों में खड़ी दिख रही हैं। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर जर्मनी की है। दावा है कि जब जर्मनी की सरकार ने पेट्रोल के दाम बढ़ाए, तो वहाँ के लोग बहुत नाराज हुए। उन्होंने अपनी कार उठाई और उसे रोड पर खड़ी करके घर चले गए। देखते ही देखते सड़क पर 10 लाख से ज्यादा कारें जमा हो गईं। भयंकर जाम लग गया। यह देखकर सरकार घबरा गई और उसे मजबूरी में बढ़ी कीमतें वापस लेनी पड़ीं। इस पोस्ट में नीचे नसीहत भी दी गई है कि अगर लोग समझदारी से काम लें, तो सरकार उन्हें बेवकूफ नहीं बना सकती है।

क्या है सच्चाई..

जब हमने गूगल इमेज पर इस वायरल तस्वीर को सर्च किया, तो हमें ब्रिटेन के अखबार ‘द टेलिग्राफ’ की 1 अक्टूबर, 2012 की एक खबर की लिंक मिली। इस खबर में वही तस्वीर थी, जो वायरल पोस्ट में इस्तेमाल हुई है लेकिन फोटो के साथ कैप्शन लिखा था- ‘गुआनदोंग प्रांत के शेनज़ेन शहर में लगे ट्रैफिक जाम में फंसी कारें’।

दरअसल, चीनी सरकार ने उस वक्त अपनी जनता को फ्री रोड ट्रैवल का तोहफा दिया था। एक दशक में यह पहली बार था कि चीन के मोटरवेज़ को यूँ टोल-फ्री किया गया था। वह रविवार का दिन था। कुल आठ दिनों की छुट्टी पड़ रही थी। यह चीन में राष्ट्रीय अवकाश का टाइम होता है। कई लोगों ने छुट्टी पर जाने का सोचा और अपनी गाड़ियाँ लेकर निकल पड़े।

खबर के अनुसार, करीब आठ करोड़ 60 लाख लोग अपनी कार लेकर निकल पड़े थे। इतने सारे लोगों के इकट्ठा बाहर निकल आने की वजह से चीन में जगह-जगह पर गाड़ियों का लंबा जाम लग गया। लोग घंटों जाम में फँसे रहे। हजारों लोगों ने जाम की तस्वीर खींचकर सोशल मीडिया पर पोस्ट की। उसी जाम की एक तस्वीर ‘द टेलिग्राफ’ ने पोस्ट की थी, जो अब जर्मनी के लोगों का मास-प्रोटेस्ट बताकर वायरल किया जा रहा है।

हमारी पड़ताल में इस तस्वीर के साथ किया जाने वाला दावा ‘पेट्रोल की बढ़ी कीमत के विरोध में जर्मनी के 10 लाख लोगों ने अपनी गाड़ियों को सड़क पर छोड़ा’ झूठा साबित हुआ।