• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. वास्तु-फेंगशुई
  4. Panchsulak
Written By WD Feature Desk
Last Updated : शुक्रवार, 5 जुलाई 2024 (17:31 IST)

वास्तु में क्या महत्व है पंचसूलक का, होगा जीवन में मंगल ही मंगल

Panchsulak
Panchsulak
Panchsulak: आपने देखा होगा द्वार के आसपास की दीवारों पर हाथ के पंजे की छाप बनी होती है। इसे ही पंचशूलक कहते हैं। स्वास्तिक की तरह ही यह भी मंगल प्रतीक माना जाता है। यह पांच देव, पंच तत्व और पंच इंद्रियों का प्रतीक भी माना जाता है। हल्दी से सने हाथ की हथेलियों से इसे बनाया जाता है। ग्रामीण घरों के द्वार पर हल्दी से या गेरुआ रंग से इसे बनाया जाता है।ALSO READ: वास्तु के अनुसार घर के अंदर रखें मात्र 1 प्लांट और फिर देखें चमत्कार
  • यह पंचसूलक घर के मांगलिक कार्य, गृह प्रवेश, विवाह, व्रत और तीज त्योहार के समय विशेष तौर पर बनाते हैं।
  • इस पंचसूलक को माता माता लक्ष्मी और बृहस्पति ग्रह का का शुभ प्रतीक भी माना है।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार यह नकारात्मक शक्तियों को बाहर ही रोक देता है।
  • मुख्य प्रवेश द्वार पर लगी पंचसूलक की छाप सुख, शांति, समृद्धि और शुभता लाती है। 
  • इससे घर परिवार की दरिद्रता का नाश भी होता है और सौभाग्य में वृद्धि होती है। 
  • दीवारों पर इस चिन्ह को लगाने से वास्तुदोष भी दूर होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। 
  • मुख्य द्वार की दहलीज पर दोनों ओर इसको छापने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। 
  • मान्यता है कि इसकी छाप को देखकर देवी और देवता घर में प्रवेश करते हैं।
  • नई दुल्हन जब घर में पहली पार प्रवेश करती हैं तो उसके हाथों की हथेलियों को हल्दी से रंगकर यह छाप बनवायी जाती है।
  • इस छाप से बृहस्पति ग्रह का शुभ प्रभाव पड़ता है और वैवाहिक जीवन में सुख एवं शांति बनी रहती है।
  • स्वास्तिक के साथ ही यह पंचसूलक बनाने से सारे कष्ट भी दूर हो जाते हैं।ALSO READ: यदि धनवान बनना है तो वास्तु के अनुसार घर में करें मात्र 3 काम, कमाल हो जाएगा
  • ALSO READ: वास्तु की ये 5 टिप्स आजमाएं, माता लक्ष्मी बरसाएंगी धन
ये भी पढ़ें
06 जुलाई 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त