hartalika teej upay for unmarried girl: हरतालिका तीज का पावन पर्व सिर्फ सुहागिन महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि उन कुंवारी कन्याओं के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है जो एक आदर्श जीवनसाथी की तलाश में हैं। इस दिन व्रत और पूजा-अर्चना करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए यह कठोर व्रत किया था, जिससे उनकी मनोकामना पूर्ण हुई।				  																	
									  
कुंवारी कन्याओं के लिए व्रत के नियम
हरतालिका तीज का व्रत बेहद कठिन माना जाता है, लेकिन कुंवारी कन्याओं के लिए इसमें कुछ नियम अलग होते हैं। जहां सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं, वहीं अविवाहित कन्याएं जल और फलाहार ग्रहण कर सकती हैं। हालांकि, अगर कोई कन्या निर्जला व्रत रखना चाहे तो वह अपनी श्रद्धा के अनुसार रख सकती है। व्रत का संकल्प सूर्योदय से पहले लेना चाहिए और मन में भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करना चाहिए।				  
पूजा विधि और आवश्यक सामग्री
इस दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजा की तैयारी करें। पूजा के लिए आप मिट्टी से भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमाएं बना सकती हैं। पूजा के लिए इन सामग्रियों को इकट्ठा करें: धूप, दीप, चंदन, कुमकुम, अक्षत, फल, फूल, बेलपत्र, शमी के पत्ते, केले के पत्ते और जल का कलश। पूजा के बाद व्रत कथा जरूर सुनें, क्योंकि यह व्रत का एक अनिवार्य हिस्सा है।				  						
						
																							
									  मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए विशेष उपाय
शीघ्र विवाह के योग बनाने और मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए कुंवारी कन्याएं पूजा के समय कुछ विशेष उपाय कर सकती हैं:
• चुनरी अर्पित करें: माता पार्वती को लाल रंग की चुनरी और सोलह श्रृंगार की वस्तुएं (आपकी उम्र और आवश्यकता के अनुसार) अर्पित करें। यह आपकी इच्छाशक्ति और प्रेम का प्रतीक है।
• मंत्र का जाप: पूजा के बाद "ओम गौरी शंकराय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें। यह मंत्र विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने में सहायक माना जाता है।
• हल्दी और नारियल का उपाय: हल्दी की 11 गांठों को लाल कपड़े में बांधकर माता पार्वती को अर्पित करें। मान्यता है कि इस उपाय से विवाह के योग जल्दी बनते हैं। इसके अलावा, शिवलिंग पर 5 नारियल अर्पित करने से भी सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है।
• दान करें: पूजा संपन्न होने के बाद, किसी सुहागिन महिला या किसी ब्राह्मण कन्या को श्रृंगार की सामग्री और दक्षिणा दान करें। यह माना जाता है कि दान करने से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है।
इन सरल और प्रभावी उपायों को पूरे मन और श्रद्धा से करने से माता पार्वती और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।
				  																													
								 
 
 
  
														
																		 							
																		
									  
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