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Last Modified: मंगलवार, 19 अक्टूबर 2021 (21:52 IST)

हिंदू विरोधी हिंसा पर बोले बांग्लादेश के पूर्व कप्तान, मैदान पर तो टीम हारी, इससे देश हार गया

हिंदू विरोधी हिंसा पर बोले बांग्लादेश के पूर्व कप्तान, मैदान पर तो टीम हारी, इससे देश हार गया - Former Bangladesh captain Mashrafe Mortaza feels nation has been defeated by anti hindu violence
बांग्लादेश टीम को नई उंचाइयों पर ले जाने वाले ऑलराउंडर और कप्तान मशरफे मुर्तजा ने एक फेसबुक पोस्ट में देश में जारी हिंदू विरोधी हिंसा का विरोध करते हुए लिखा कि मैदान पर तो सिर्फ बांग्लादेश क्रिकेट टीम हारी लेकिन इस हिंसा से पूरा देश हार गया।

गौरतलब है कि ओमान में टी20 विश्व कप क्वालिफायर्स के दौरान बांग्लादेश अपने से कम रैंक की टीम स्कॉटलैंड से 6 रनों से हार गई थी। पूर्व कप्तान मशरफे मुर्तजा का इस मैच पर ही इशारा करना चाह रहे थे। इसके अलावा उन्होंने लिखा कि देश ने यह लाल और हरा नहीं चाहा था।

बांग्लादेश से कमजोर टीम का तबका मिटाने वाले कप्तान मशरफे मुर्तजा ने 215 मैचों में 266 विकेट लिए वहीं एक अर्धशतक भी बनाया है। मुर्तजा संसद के सदस्य है।
गौरतलब है कि बांग्लादेश में हुए हिंदू विरोधी दंगो में कई लोगों की जान गई है और एक दुर्गा पंडाल भी तोड़ा गया है।हाल ही में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की संपत्तियों पर हमलों की ताजा घटना पूर्वी बंगलादेश के फेनी से सामने आई है।

हिंदू समुदाय सहित कई लोगों ने बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया और आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने आधे दिन तक धरना दिया इस दौरान नोआखली में धारा 144 का उल्लंघन किया गया। इस धरना प्रदर्शन में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों और सामाजिक संगठनाें के सदस्य शामिल हुये।

डेली स्टार रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर इस सांप्रदायिक हिंसा की निंदा करने वालों की बाढ़ आ गयी है साथ ही इस तरह की घटनाओं को रोकने और धार्मिक सद्भाव बनाने पर जोर दिया गया है। हाल ही में एक अफवाह इस तरह की फैलाई गई थी जिसमें'पवित्र ग्रंथ कुरान का अनादर करने की बात कही गई थी और इसके बाद कईं जिलों में हिंसा की घटनाएं हुई थी।

पूरे बांग्लादेश में फैले हिंदू विरोधी दंगे

चांदपुर, चट्टोग्राम, नोआखली, सिलहल, मौलवीबाजार, कुरुग्राम और विभिन्न जिलों में हिंदू मंदिरों, मूर्तियां और दुकानों में तोड़ फोड़ की गयी। शुक्रवार और शनिवार सुबह को भी मुंशीगंज और किशोरगंज में इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया गया था।

दक्षिणपूर्वी बंगलादेश के चट्टगांव के उपखंड फेनी में दुर्गा पूजा स्थलों पर हुये हमलों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ झड़पों की घटनाएं हुईं शनिवार शाम साढ़े चार बजे से आधी रात तक हुयी झड़पों में हिंदू समुदाय के लोगों की संपत्तियाें, कई मंदिरों और दुकानों में तोड़ फोड़ के बाद पुलिस तथा सुरक्षा बल को तैनात कर दिया गया था। मीडिया सूत्रों के अनुसार, इन झड़पों फेनी माडल पुलिस स्टेशन के ओसी निजाम उद्दुन समेत कम से कम 40 लोग घायल हुये हैं जिनमें से कई लोग फेनी जेनेरल अस्पताल में भर्ती हुए। फेनी के पुलिस अधीक्षक खांडेकर नुरुन्नाबी ने कहा कि भीड़ को हटाने के लिये आंसू गैस के गोले दागने पड़े।

कुरान के अनादर से शुरु हुआ मामला

कोमिला में बुधवार को कुरान के कथित अनादर के बाद दुर्गा पूजा स्थलों पर तोड़ फोड़ की गई और इस दौरान पुलिस के साथ भी झड़पें हुई। देश के कई जिलों में इस तरह की घटनाएं देखी गयी। सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित पोस्ट करने वाले दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद पूजा स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी। दुर्गा पूजा के दस दिवसीय महोत्सव का समापन शुक्रवार को हो गया था।

बुधवार को चांदपुर के हाजीगंज में चार और शुक्रवार को नोआखली में दो लोगों की मौत पुलिस की गोलियां लगने से हुयी थी। सरकार और कानून एजेंसियों ने इस घटना को पहले से ही नियोजित बताया है।

बंगलादेश पूजा उड़जापन परिषद् के अध्यक्ष मिलन कांति दत्ता ने एक रैली में कहा कि इस तरह की घटना इसलिये जारी है क्योंकि पहले अल्पसंख्यों पर हमला करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी थी। उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी विफलता की जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी।
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