कोच शास्त्री से लेकर कप्तान कोहली का पूरा ध्यान है ओस पर, अभ्यास मैच में भी दिखी यह रणनीति
भारत के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ 24 अक्टूबर से शुरू हो रहे आईसीसी टी20 विश्व कप अभियान के दौरान टीम ओस की स्थिति को देखकर तय करेगी कि अंतिम एकादश में अतिरिक्त तेज गेंदबाज रखना है या स्पिनर।
भारतीय टीम के साथ अपने आखिरी टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे शास्त्री ने स्पष्ट किया कि इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के खिलाफ दो अभ्यास मैचों में मुख्य उद्देश्य खिलाड़ियों की लय का अंदाजा लगाना है। शास्त्री ने आधिकारिक प्रसारक स्टार स्पोर्ट्स से कहा, "हम यह देखने की कोशिश करेंगे कि ओस कितनी है और उस हिसाब से पहले बल्लेबाजी या गेंदबाजी का फैसला करेंगे। इससे हमें अतिरिक्त स्पिनर या तेज गेंदबाज को अंतिम एकादश में रखने का फैसला करने में भी मदद मिलेगी।"
भारत को अपने सभी मैच शाम को खेलने हैं और ऐसे में ओस की भूमिका अहम हो जाती है। अधिक ओस पड़ने पर स्पिनरों के लिये गेंद पर ग्रिप बनाना मुश्किल हो जाता है।
शास्त्री ने कहा, "सभी खिलाड़ी पिछले दो महीने से आईपीएल में खेल रहे थे इसलिए मुझे नहीं लगता कि उन्हें बहुत अधिक तैयारियों की जरूरत है। यह उनके साथ में खेलने और कुछ लय हासिल करने से जुड़ा है।"
अभ्यास मैच में ओस के कारण ही बाद में बल्लेबाजी चुनी थी कोहली नेकोहली ने ओस की स्थिति को भांपने के लिये टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला किया, क्योंकि भारत जब 24 अक्टूबर को जब पाकिस्तान के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेगा तो इसी आधार पर अपना गेंदबाजी संयोजन तय करेगा।
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने टी20 विश्व कप के अपने पहले अभ्यास मैच में सोमवार को यहां अपने तीनों प्रमुख तेज गेंदबाजों और दो स्पिनरों का संयोजन आजमाया जिनके सामने इंग्लैंड ने पांच विकेट पर 188 रन बनाये।
भारत की तरफ से भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह ने नयी गेंद संभाली जबकि मोहम्मद शमी पहले बदलाव के तौर पर आये। भुवनेश्वर ने लय हासिल करने पर ध्यान दिया तो बुमराह और शमी ने बल्लेबाजों पर दबाव बनाने की रणनीति अपनायी। तीनों तेज गेंदबाजों में हालांकि बुमराह (26 रन देकर एक) ही किफायती साबित हुए जबकि शमी ने विकेट निकालने की अपनी काबिलियत का नमूना पेश किया। उन्होंने जोस बटलर (18), जैसन रॉय (17) और लियाम लिविंस्टोन (30) को अच्छी शुरुआत का फायदा नहीं उठाने दिया।
बुमराह ने जॉनी बेयरस्टॉ (36 गेंदों पर 49 रन) को अर्धशतक पूरा नहीं करने दिया लेकिन भुवनेश्वर आखिर तक लय नहीं पकड़ पाये। उन्होंने चार ओवर में 54 रन लुटाये। मोईन अली (20 गेंदों पर नाबाद 43) ने उनकी अंतिम तीन गेंदों पर चौका और फिर दो छक्के लगाये और इंडियन प्रीमियर लीग की अपनी फॉर्म बरकरार रखी।
भारत ने बायें हाथ के स्पिनर रविंद्र जडेजा के बजाय अनुभवी रविचंद्रन अश्विन को आजमाया जिन्होंने बीच के ओवरों में बल्लेबाजों पर अंकुश लगाने का अच्छा प्रयास किया। वरुण चक्रवर्ती पर लेग स्पिनर राहुल चाहर को प्राथमिकता दी गयी। उन्होंने डाविड मलान (18) को बोल्ड किया लेकिन चार ओवर में 43 रन पर दिये। लिविंगस्टोन ने उनके एक ओवर में 17 रन लिये थे।