ओलंपियन सुशील कुमार ने पेश की विनम्रता की मिसाल...
- सीमान्त सुवीर
2012 के लंदन ओलंपिक और 2016 के रियो ओलंपिक खेलों के कांस्य पदक विजेता सुशील कुमार इंदौर में खेली गई राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में तीन 'वॉकओवर' के साथ स्वर्ण पदक जीतने के विवाद के कारण सुर्खियों में हैं.. उनसे जुड़ा दूसरा पहलू भी जो बेहद संवेदनशील है। इंदौर में मैट के बाहर जो विनम्रता की मिसाल उन्होंने पेश की है, उससे सभी मांओं का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है।
यह बात सोने की तरह खरी है कि दुनिया के दिग्गज पहलवानों को धराशायी करने वाले इस पहलवान के भीतर विनम्रता कूट-कूटकर भरी है। यही नहीं, एक मां के सामने उनका सिर आदर के किस तरह झुक जाता है...ये दृश्य 'अर्जुन अवॉर्डी' कृपाशंकर बिश्नोई के पंचकुइया रोड इंदौर में साईं श्री गंगोत्री विहार स्थित घर में देखने को मिला।
भारतीय महिला फ्रीस्टाइल कुश्ती के कोच रहे 40 वर्षीय कृपाशंकर के घर पर सुशील कुमार 30 मिनट तक रहे और उनकी 67 वर्षीय मां रुक्मणी सारण बिश्नोई से न केवल आशीर्वाद लिया बल्कि उनके हाथ के बने गुलाब जामुन का स्वाद भी चखा। रुक्मणी सारण के गुलाब जामुन उनके पुश्तैनी गांव में प्रसिद्ध हैं और कई महिलाएं तो इसे बनाने की विधि भी सीखने आती हैं।
सुशील को चूंकि अगले साल राष्ट्रमंडल और एशियन कुश्ती चैम्पियनशिप में हिस्सा लेना है, लिहाजा कृपाशंकर की मां ने उन्हें देश के लिए सोने का पदक जीतने का आशीर्वाद दिया। जब सुशील उनके घर में थे, तब बड़े भाई और अंतरराष्ट्रीय पहलवान उमेश पटेल भी मौजूद थे, जो 1989 में अमेरिका में आयोजित विश्व सब जूनियर कुश्ती चैम्पियनशिप में भारत को कांस्य पदक दिलवा चुके हैं। 43 वर्षीय उमेश भारतीय रेलवे में कार्यरत हैं।
चूंकि सुशील कुमार को भी कृपाशंकर कोचिंग दे चुके हैं, लिहाजा वे उनका हमेशा से सम्मान करते हैं। अपने उज्जैन प्रवास में जब सुशील महाकाल मंदिर में पूजा करने गए, तब भी कृपाशंकर उनके साथ थे। यही नहीं, सुशील ने इंदौर पहुंचने के बाद राष्ट्रीय स्पर्धा में उतरने से पूर्व एक दिन में 2 किलोग्राम वजन कम करने काम भी कृपाशंकर की देखरेख में ही इंदौर के मल्हारआश्रम में किया था। इन दोनों ने काफी देर तक मैट पर कुश्ती का अभ्यास भी किया था।
सुशील कुमार का बिश्नोई परिवार से आत्मीय लगाव तो है साथ ही एक गुरु की तरह वे कृपाशंकर का सम्मान भी करते हैं। इंदौर का अपने समय का यह नामी पहलवान क्या हस्ती रखता है, इसका अंदाज आप यहीं से लगा सकते हैं कि कुश्ती पर बनी बहुचर्चित फिल्म 'दंगल' में आमिर खान ने कुश्ती के दांवपेच सीखने के लिए कृपाशंकर को ही अपना गुरु बनाया था और उन्हीं की देखरेख में पूरे 14 माह तक सभी कलाकारों को उन्होंने कुश्ती की ट्रेनिंग दी थी...