जीवन के असली नायकों को सामने लाएगा 'सुपर सिख रन' का तीसरा संस्करण
नई दिल्ली। जीवन के असली नायकों को सामने लाने के उद्देश्य के साथ 'सुपर सिख रन' के तीसरे संस्करण का आयोजन आगामी 9 दिसंबर को राजधानी में किया जाएगा जिसमें 6,000 से ज्यादा धावक 3 वर्गों हॉफ मैराथन, 10 किमी और 5 किमी रेस में हिस्सा लेंगे।
भारत के पहले 'ब्लैड रनर' और इस इवेंट के मेंटर मेजर डीपी सिंह ने बुधवार को यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि इसके पहले 2 संस्करणों का आयोजन 2016 और 2017 में किया गया था और तीसरे संस्करण में अब तक उम्मीदों से ज्यादा पंजीकरण देखने को मिला है।
मेजर सिंह ने बताया कि इस बार 'सुपर सिख रन' में 'साहस' के नाम से एक नया वर्ग शामिल किया गया है जिसमें दिव्यांग वर्ग (व्हीलचेयर, कृत्रिम पैर, ब्लैड और दृष्टिबाधित) के लोग हिस्सा लेंगे और उन्हें बाकायदा पुरस्कृत भी किया जाएगा। 'साहस' वर्ग में इस बार 40 से ज्यादा प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया है और इनमें से 30 व्हीलचेयर धावकों को राजीव विराट प्रशिक्षण दे रहे हैं जिन्होंने खुद व्हीलचेयर टेनिस में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
'सुपर सिख रन' की शुरुआत ऐतिहासिक गुरुद्वारा रकाबगंज से होगी और यह गोल डाकखाना, कालीबाड़ी, पेशवा रोड, मंदिर मार्ग और शंकर रोड से गुजरते हुए वापस रकाबगंज पर समाप्त होगी। इस रेस का उद्देश्य ऐसे नायकों को सामने लाना है जिन्होंने शारीरिक कमियों के बावजूद समाज के सामने साहस के साथ जीवन जीने का उदाहरण पेश किया है।
'सुपर सिख रन' के तीसरे संस्करण का प्रायोजन हीरो इलेक्ट्रिक कर रहा है। इस अवसर पर हीरो इलेक्ट्रिक के प्रबंध निदेशक नवीन मुंजाल, 2002 राष्ट्रमंडल खेलों में हॉकी स्वर्ण जीतने वाली भारतीय टीम की सदस्य प्रीतम रानी सिवाच, दोनों हाथ कटे होने के बावजूद पैरों से साइकल चलाने वाले जगविंदर सिंह मौजूद थे। जगविंदर ने इस मौके पर कहा कि ऐसे इवेंट से दिव्यांग लोगों के प्रति लोगों की सोच बदलेगी और वे उन्हें 'बेचारा' समझना बंद करेंगे।
जगविंदर ने कहा कि मैं पैरों से ही ड्राइंग भी करता हूं, खाना भी बनाता हूं और 300 किमी तक की रेस भी कर चुका हूं। मेरा मानना है कि आप हमें इस नजर से देखें कि हम कुछ कर सकने में सक्षम हैं। हमें किसी की सहानुभूति की जरूरत नहीं है।