ढाका। भारत ने अंतिम मिनटों में सांसों को रोक देने वाले उतार-चढ़ावभरे पलों से गुजरते हुए मलेशिया को रविवार को 2-1 से हराकर तीसरी बार एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट का बादशाह बनने का गौरव हासिल कर लिया।
भारत ने मैच में 2-0 की बढ़त बना ली थी लेकिन पहली बार फाइनल खेल रहे मलेशिया ने 50वें मिनट में गोल कर मैच को रोमांचक बना दिया। भारत को अंतिम 5 मिनट में मलेशिया को रोकने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ गया। लेकिन अंत में खिताबी जीत भारत के हाथ लगी और भारतीय खिलाड़ियों ने मैदान का चक्कर लगाकर दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया।
भारत ने इससे पहले 2003 में कुआलालंपुर और 2007 में चेन्नई में एशिया कप के खिताब जीते थे। भारत को इसके 10 साल बाद जाकर एशिया कप में खिताबी जीत हाथ लगी। भारत के लिए रमनदीप सिंह ने तीसरे और ललित उपाध्याय ने 29वें मिनट में गोल किए। मलेशिया का एकमात्र गोल शहरील सबा ने 50वें मिनट में किया।
पहली बार एशिया कप का फाइनल खेल रहे मलेशिया ने भरपूर कोशिश की लेकिन खिताब उससे दूर रह गया। इससे पहले पाकिस्तान ने कोरिया को 6-3 से हराकर 3रा स्थान हासिल किया। कोरिया 4थे, जापान 5वें, बांग्लादेश 6ठे, चीन 7वें और ओमान 8वें स्थान पर रहा।
भारत 2013 में हुए पिछले संस्करण में कोरिया से 3-4 से हारकर उपविजेता रहा था लेकिन इस बार उसने पूरे टूर्नामेंट में अपराजित रहते हुए खिताब जीता। भारत का एशिया कप में मलेशिया के साथ यह 8वां मुकाबला था और भारत, मलेशियाई टीम से अब तक अपराजित रहा है। भारत ने इन 8 मैचों में 7 जीते हैं और 1 ड्रॉ खेला है।
भारत ने जिस तरह सुपर फोर के आखिरी मुकाबले में पाकिस्तान को 4-0 से हराया था, उससे लग रहा था कि भारत को मलेशिया को हराने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी। लेकिन मलेशिया ने अंतिम 10 मिनटों में भारतीय रक्षापंक्ति का पसीना निकाल दिया।
मैच की शुरुआत में ही भारत ने मलेशिया के गोल को अपने हमलों से झकझोर दिया। तीसरे ही मिनट में एसवी सुनील के पास पर रमनदीप सिंह ने डाइव लगाते हुए गोल करने में कोई गलती नहीं की। दोनों टीमें पेनल्टी कॉर्नर हासिल करने के लिए रेफरल का भी इस्तेमाल करती रहीं लेकिन किसी को ज्यादा सफलता नहीं मिली।
मलेशिया को 14वें मिनट में पहली पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन उसके खिलाड़ी गेंद को रोक नहीं पाए। मलेशियाई टीम इस समय बेहतर खेल दिखा रही थी। भारत को 22वें मिनट में उसका पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन हरमनप्रीत सिंह का फ्लिक बाहर निकल गया। भारत का 26वें मिनट में 1 और पेनल्टी कॉर्नर मलेशिया के गोलकीपर ने बचा लिया।
भारत का दूसरे गोल का इंतजार आधे समय से 1 मिनट पहले पूरा हो गया। मैच के 29वें मिनट में गुरजंत सिंह ने बाएं छोर से आकाशदीप सिंह से मिली गेंद को संभाला और गोल के ठीक सामने पास फेंका और ललित उपाध्याय ने भारत का दूसरा गोल करने में कोई गलती नहीं की।
2 गोल की बढ़त बनाने के बाद भारतीय खिलाड़ी तीसरे क्वार्टर में थोड़ा रक्षात्मक हो गए जिसका फायदा उठाकर मलेशिया ने भारत पर दबाव बना लिया। शहरील सबा ने 50वें मिनट में बेहतरीन प्रयास से मलेशिया का पहला गोल कर दिया।
भारत ने इस पर रेफरल मांगा, जो खारिज हो गया। मैच के 56वें मिनट में मलेशिया के पेनल्टी कॉर्नर पर अमित रोहिदास ने शानदार बचाव कर खतरा टाल दिया। मैच के 59वें मिनट में मलेशिया ने पेनल्टी कॉर्नर के लिए रेफरल मांगा लेकिन इस बार उसका रेफरल खारिज हो गया।
अंतिम मिनट गुजरते ही भारत 'एशिया कप' का चैंपियन बन गया। आकाशदीप सिंह को 'मैन आफ द मैच' का पुरस्कार मिला। मलेशिया के फैजल सारी को टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार मिला। (वार्ता)