भारतीय सेना के जांबाज अनिल पुरी ने विदेश में भारत का सिर ऊंचा किया
खेल जगत में तीन बड़ी खबरों ने भारत का नाम विदेशी जमीन पर चमकाकर करोड़ों देशवासियों का सीना गर्व से कई इंच चौड़ा कर दिया है। शुक्रवार को जहां लंदन में उदयपुर की 16 वर्षीय गौरवी सिंघवी ने 38 समुद्री मील की दूरी 13 घंटे 26 मिनट में पूरी 'इंग्लिश चैनल' को पार किया तो रविवार को पीवी सिंधू ने बासेल में वर्ल्ड बैडमिंटन का स्वर्ण पदक जीत लिया। तीसरी बड़ी खबर फ्रांस से मिली, जब अनिल पुरी 1,200 किलोमीटर की फ्रांस की सबसे पुरानी और कठिन साइकल प्रतियोगिता पूरी करने वाले भारतीय सेना के पहले लेफ्टिनेंट जनरल बने।
56 वर्षीय लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी भारत के उन 367 प्रतियोगियों में शामिल थे जिन्होंने पेरिस-ब्रेस्ट-पेरिस सर्किट की 1,200 किलोमीटर की दूरी तय की जिनमें से सिर्फ 80 भारतीय ही इसे पूरा कर सके। अनिल पुरी ने लगातार 90 घंटे तक (बिना सोए) साइकलिंग की और 23 अगस्त के दिन अपने अभियान को पूरा किया।
उक्त प्रतियोगिता में दुनियाभर के 60 देशों के 6 हजार 500 प्रतियोगी हिस्सा ले रहे थे। इनमें से 31,125 ने ही रेस पूरी की। 1931 से शुरू हुई यह प्रतियोगिता कितनी कठिन होती है, इसका अंदाज आप इसी से लगा सकते हैं कि हर प्रतिस्पर्धी को लगभग 31 हजार फीट की ऊंचाई पर चढ़ना पड़ता है। 31 हजार फीट की ऊंचाई दुनिया के सबसे बड़े शिखर माउंट एवरेस्ट को जीतने के बराबर मानी जाती है।
1,200 किलोमीटर की पेरिस-ब्रेस्ट-पेरिस सर्किट की शुरुआत पेरिस के उपनगर रामबॉलेट से शुरू हुई और फ्रांस के ब्रेस्ट मिलिट्री पोर्ट पर खत्म हुई। लेफ्टिनेंट जनरल पुरी भारतीय सेना के उन 6 अधिकारियों में शरीक थे जिन्होंने रेस में हिस्सा लेने से पहले बिना रुके 1,000 किलोमीटर की रेस पूरी करने में कामयाबी हासिल की थी।
सोशल मीडिया में जैसे ही लेफ्टिनेंट जनरल पुरी की इस कायमाबी की तस्वीरें आईं, बड़ी संख्या में लोगों ने उन्हें बधाई दी और अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय सेना के प्रति अपना सम्मान जताया।