गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. श्रावण मास विशेष
  4. Shravan maas 2019 ke shubh sanyog
Written By

श्रावण मास 2019 : 17 जुलाई से आरंभ, 30 दिनों में बन रहे हैं इतने शुभ संयोग कि चकित रह जाएंगे

श्रावण मास 2019 : 17 जुलाई से आरंभ, 30 दिनों में बन रहे हैं इतने शुभ संयोग कि चकित रह जाएंगे - Shravan maas 2019 ke shubh sanyog
भगवान शिव को समर्पित श्रावण मास 17 जुलाई 2019 से आरंभ हो रहा है। यह माह 15 अगस्त तक रहेगा। भोलेनाथ शिव का महीना इस बार इस माह में कई अद्भुत शुभ संयोग लेकर आया है। आइए जानते हैं 10 बातों से कि इस बार श्रावण मास में क्या है खास.. 
 
1. 125 सालों बाद हरियाली अमावस्या पर पंच महायोग का संयोग है।
 
2. नागपंचमी का शुभ पर्व भगवान शिव के विशेष दिन सोमवार को आ रहा है। सोमवार और नागपंचमी दोनों ही दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है, इसलिए इस बार नागपंचमी का विशेष महत्व है।
 
3. कई सालों बाद 15 अगस्त को चंद्र प्रधान श्रवण नक्षत्र में स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन का संयोग बन रहा है। रक्षाबंधन के दिन राष्ट्रीय पर्व होने से देश भर में विशेष उमंग और उत्साह का वातावरण होगा। राखियां भी तिरंगे की ही मिलेगी।
 
4. 17 जुलाई को सूर्य प्रधान उत्तराषाढ़ा नक्षत्र से सावन माह की शुरुआत हो रही है। इस दिन वज्र और विष कुंभ योग भी बन रहा है।

5. इस बार पूरे 30 दिन का सावन है और इस दौरान 4 सोमवार आएंगे। इसमें तीसरे सोमवार को त्रियोग का संयोग बन रहा है जो विशेष फलदायी होगा।
 
6. श्रावण मास के ग्रह नक्षत्र संकेत दे रहे हैं कि इस बार खंड वर्षा होगी। देश के अनेक इलाकों में रुक-रुककर बरखा होगी। कहीं बहुत ज्यादा तो कहीं कम बारिश होगी।
 
7. 20 जुलाई को शुक्र ग्रह अस्त हो रहा है जो 22 सितंबर तक रहेगा। इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य करना निषेध है।
 
8. 1 अगस्त को हरियाली अमावस्या पर पंच महायोग का संयोग बन रहा है। यह संयोग लगभग 125 साल आ रहा है। इस दिन पहला सिद्धि योग, दूसरा शुभ योग, तीसरा गुरु पुष्यामृत योग, चौथा सर्वार्थ सिद्धि योग और पांचवां अमृत सिद्धि योग का संयोग है। पंच महायोग के संयोग में कुल देवी-देवता तथा मां पार्वती की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
 
9. स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन की रात्रि नौ बजे के बाद पंचक शुरू हो रहा है इसलिए इससे पूर्व राखी बंधवाना श्रेष्ठ होगा।
 
10. नागपंचमी के दिन चंद्र प्रधान हस्त नक्षत्र और त्रियोग का संयोग भी बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग, सिद्धि योग और रवि योग अर्थात त्रियोग के संयोग में काल सर्प दोष निवारण के लिए पूजा करना फलदायी होगा।