शिवरात्रि और महाशिवरात्रि के 5 खास अंतर
Shivratri and Mahashivratri: 8 मार्च को 2024 शुक्रवार को महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जाएगा। कभी आपने यह नहीं सुना होगा कि होली या महाहोली, दीपावली या महादीवावली, नवरात्रि या महानवरात्रि। लेकिन आपने दो शब्द कैलेंडर में पढ़ें होंगे, एक शिवरात्रि और दूसरा महाशिवरात्रि। महा शिवरात्रि और शिवरात्रि में क्या अंतर है?
शिवरात्रि और महाशिवरात्रि के बीच का अंतर ( Difference between shivratri and mahashivratri):
फाल्गुनकृष्णचतुर्दश्यामादिदेवो महानिशि।
शिवलिंगतयोद्भूत: कोटिसूर्यसमप्रभ:॥
1. प्रतिमाह आने वाली कृष्ण चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि कहा जाता है जबकि फाल्गुन माह के कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि कहते हैं।
2. प्रतिवर्ष श्रावण माह में आने वाली कृष्ण चतुर्दशी को शिवरात्रि का पर्व मनाते हैं जबकि कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाते हैं। प्रलय की बेला में इसी दिन प्रदोष के समय भगवान शिव तांडव करते हुए ब्रह्मांड को तीसरे नेत्र की ज्वाला से भस्म कर देते हैं।
3. फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की रात्रि में आदिदेव भगवान शिव करोड़ों सूर्यों के समान प्रभाव वाले लिंग रूप में प्रकट हुए थे, जबकि श्रावण शिवरात्रि के दिन शिवजी ने हलाहल नामक विष को अपने कंठ में रख लिया था। इसीलिए श्रावण माह में शिवजी को जल और दूध अर्पित करने का प्रचलन है।
4. फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी के दिन भगवान शंकर की माता पार्वती के साथ शादी भी हुई थी। जबकि शिवरात्रि के दिन शिवजी के दिन ऐसा कुछ नहीं हुआ था।
5. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि में चंदमा सूर्य के नजदीक होता है। उसी समय जीवनरूपी चंद्रमा का शिवरूपी सूर्य के साथ योग-मिलन होता है। सूर्य देव इस समय पूर्णत: उत्तरायण में आ चुके होते हैं तथा ऋतु परिवर्तन का यह समय अत्यन्त शुभ कहा गया है।