घर के प्रवेश द्वार पर पंचसूलक होना जरूरी, जान लें महत्व
पंचसूलक क्या होता है और क्या है इसका महत्व आप यह शायद जानते ही होंगे। हो सकता है कि बहुतों ने यह नाम सुना ही नहीं होगा। इसकी गणना मंगल प्रतीक के अंतर्गत की जाती है।
पंचसूलक पांच तत्वों की प्रतीक खुली हथेली की छाप को पंचसूलक कहते हैं। हमारे आस-पास जो कुछ है वह, और हमारे शरीर भी इन पांच तत्वों से बने हैं। जैन धर्म में इसे बेहद अहमियत दी गई है। जैन धर्म का प्रतीक चिन्हा इसी तरह का है।
हिंदुओं में गृह प्रवेश, जन्म संस्कार, तीज-त्योहार और विवाह आदि के अवसरों पर हल्दी-सनी हथेली छापते हैं। मुख्य प्रवेश द्वार पर लगी पंचसूलक की छाप समृद्धि, सुख और शुभता लाती है। सौभाग्य के लिए इस प्रतीक का उपयोग और महत्व शास्त्रों में बताया गया है।