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नदियों के तट पर बसे हिन्दुओं के प्रमुख तीर्थ, जरूर जाएं दर्शन करने

नदियों के तट पर बसे हिन्दुओं के प्रमुख तीर्थ, जरूर जाएं दर्शन करने - hindu shrines settled on the banks of rivers
हिन्दुओं के तीर्थ, मठ और प्रमुख मंदिर नदियों के तट पर बसे हुए हैं। पहाड़ों में खासकर शक्तिपीठ और गुफा आश्रमों की संख्या ही अधिक है। आओ जानते हैं नदी के तट पर बसे हिन्दुओं के प्रमुख तीर्थों के नाम। 
 
1.श्रृंगेरी शारदाबा मंदिर मंठ : कर्नाटक की तुंगा नदी के किनारे स्थित है।
2.कृष्ण जन्मभूमि मथुरा : यह  उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के किनारे स्थित है।
3.राम जन्मभूमि अयोध्या : यह  उत्तर प्रदेश में सरयू नदी के तट पर स्थित है।
4.काशी विश्वनाथ मंदिर : यह  उत्तर प्रदेश में बनारस या वाराणसी के गंगा नदी के तट पर स्थित है।
5.ऋषिकेश तीर्थ मंदिर : उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के तट पर स्थित है।
6.हरिद्वार : उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के तट पर स्थित है।
7.त्र्यंबकेश्वर मंदिर : यह महाराष्ट्र के गोदावरी तट पर स्थित है।
8.श्रीरंगम मंदिर : यह तमिलनाडु में कावेरी नदी के एक द्वीप पर स्थित है। कावेरी के तीन दोआबों में भगवान विष्णु के तीन प्रसिद्ध मन्दिर बने हैं। कावेरी के तट पर शैव धर्म के भी कितने ही तीर्थ हैं। चिदम्बरम का मन्दिर कावेरी की ही देन है। महाकवि कंबन ने तमिल भाषा में अपनी विख्यात रामायण की रचना इसी कावेरी के तट पर की थी।
 
9. ओमकारेश्वर ज्यो‍तिर्लिंग : यह मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी के तट पर स्थित है जहां मार्केण्डेय ऋषि का आश्रम है।
10.अमरकंटक : नर्मदा नदी के उद्गभ स्थल और मेकल, व्यास, भृगु और कपिल आदि ऋषियों की तपोभूमि।
11.नेमावर : होशंगाबाद के बाद नेमावर में नार्मदा विश्राम करती है। नेमावर में सिद्धेश्वर महादेव का महाभारत कालीन प्राचीन मंदिर है। 
 
12.देवी निमीशंबा मंदिर : कावेरी नदी के तट पर स्थित निमीशम्बा मंदिर श्रीरंगपट्ट के गंजम में स्थित है।  
13. गुवाहाटी : असम का यह शहर ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर स्थित है जहां हिन्दुओं के कई प्राचीन मंदिर हैं। यहीं पर कामाख्या मंदिर भी स्थित है।
14.मंडलेश्वर और महेश्वर : ॐकारेश्वर का पास महेश्वर और मंडलेश्वर प्राचीन तीर्थ नगरी है।
15.बद्रीनाथ : उत्तराखंड में अलकनंदा नदी के किनारे बसा प्रमुख तीर्थ है। 
16.प्रयाग : प्रयाग में कुंभ मेले के आयोजन होता है और यह हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थ है।
17.श्रीनगर : सिन्धु की सहायक वितस्ता (झेलम) नदी के किनारे जम्मू व कश्मीर की राजधानी श्रीनगर स्थित है। यह भारत का सबसे प्राचीन शहर और तीर्थ है। इस नदी के तट पर अनंतपुर, बारामूला भी प्राचीन शहर हैं।
 
18.ओरछा : बेतवा नदी के तट पर बसा यह नगर किसी जमाने में प्राचीन भारत में बहुत चर्चित हुआ करता था।
19.नासिक : यह एक हिन्दू तीर्थ नगर है जो कि महाराष्ट्र की गोदावरी के तट पर स्थित है।
20.अहमदाबाद : साबरमति के तट पर बसा अहमदाबाद कभी प्राचीन नगर हुआ करता था।
21.केदारनाथ मंदिर : उत्तराखंड में मंदाकिनी नदी के सपीप स्थित केदारनाथ मंदिर बद्रीनाथ के पास स्थित है।
22.मदुरै : तमिलनाडु में वैगई नदी के तट पर स्थित यह नगर भारत के प्रचीनतम नगरों में से एक है। 
23. काली मंदिर कालीघाट : कोलकाता के कालीघाट क्षेत्र में स्थित हुगली नदी के तट पर बसा यह मंदिर कालका माता को समर्पित है।
23.गोरखपुर : नेपाल से निकलकर घाघरा नदी में मिलने वाली राप्ती नदी के तट पर स्थित गोरखपुर एक प्रसिद्ध धार्मिक नगर है।
24.उज्जैन महाकालेश्वर, कालभैरव हरसिद्धि मंदिर : यह तीनों ही मंदिर मध्यप्रदेश के उज्जैन में बहने वाली क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है।
25.गंगोत्री और यमुनोत्री : उत्तराखं में बद्रीनाथ के पास गंगा और यमुना का उद्गम स्थान है जिसे गंगोत्री और यमुनोत्री कहते हैं।
26. गंगा सागर : यह तीर्थ पश्चिम बंगाल में है। यहां गंगा नदी बंगाल की खाड़ी में समा जाती है।
27. विजयवाड़ा : यह भारत के प्राचीनतम शहरों में से एक है जो कृष्णा नदी के तट पर स्थित है। यह क्षेत्र मंदिरों और गुफाओं से भरा हुआ है। यहां भगवान मालेश्वर का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है।
28.अमरावती : आंध्रप्रदेश में स्थित यह नगर भी भारत का सबसे प्राचीन और तीर्थ नगर है जो कि कृष्ण नदी के तट पर बसा हुआ है।
 
29.सरस्वती के तीर्थ : पुष्कर में ब्रह्म सरोवर से आगे सुप्रभा तीर्थ से आगे कांचनाक्षी से आगे मनोरमा तीर्थ से आगे गंगाद्वार में सुरेणु तीर्थ, कुरुक्षेत्र में ओधवती तीर्थ से आगे हिमालय में विमलोदका तीर्थ। उससे आगे सिन्धुमाता से आगे जहां सरस्वती की 7 धारा प्रकट हुईं, उसे सौगंधिक वन कहा गया है। उस सौगंधिक वन में प्लक्षस्रवण नामक तीर्थ है, जो सरस्वती तीर्थ के नाम से प्रसिद्ध है।
 
30.सिन्धु के तीर्थ : मु्ल्तान में सिन्धु-चिनाब के किनारे पर श्रीकृष्ण के पुत्र साम्ब की याद में एक सूर्य मंदिर बना है। इसका वर्णन महाभारत में भी है। इस मंदिर का स्वरूप कोणार्क के सूर्य मंदिर से मिलता-जुलता है, लेकिन अब सब कुछ नष्ट कर दिया गया है। यही नहीं, सिन्धु किनारे के सारे हिन्दू तीर्थ मुस्लिम उत्थान काल में तोड़ दिए गए। सिन्धु नदी के मुहाने पर (हिंगोल नदी के तट पर) पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के हिंगलाज नामक स्थान पर, कराची से 144 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम में स्थित है। माता हिंगलाज (या हिंगलाज) का मंदिर, जो 52 शक्तिपीठों में से एक है।
 
सिन्धु के तट पर ही भारतीयों (हिन्दू, मुसलमानों आदि) के पूर्वजों ने प्राचीन सभ्यता और धर्म की नींव रखी थी। सिन्धु घाटी में कई प्राचीन नगरों को खोद निकाला गया है। इसमें मोहनजोदड़ो और हड़प्पा प्रमुख हैं। सिन्धु घाटी की सभ्यता 3000 हजार ईसा पूर्व थी।
 
31. महानदी के तीर्थ : छत्तीसगढ़ तथा उड़ीसा अंचल की सबसे बड़ी नदी है। प्राचीनकाल में महानदी का नाम चित्रोत्पला था। छत्तीसगढ़ तथा उड़ीसा अंचल की सबसे बड़ी नदी है। ऐतिहासिक नगरी आरंग और उसके बाद सिरपुर में वह विकसित होकर शिवरीनारायण में अपने नाम के अनुरुप महानदी बन जाती है।
 
32.तुंगभद्रा नदी के तीर्थ : कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में बहने वाली तुंगभद्रा नदी को रामायण काल में पंपा नदी कहा जाता था। इसके किनारों पर कई हिंदू धार्मिक स्थान हैं। चौदहवीं सदी में स्थापित दक्कनी विजयनगर साम्राज्य की राजधानी रही हंपी भी इसी के किनारे स्थित है।
 
33. चिनाब नदी पंजाब क्षेत्र की 5 प्रमुख नदियों में से एक है। यह नदी दो नदियों, चंद्र और भाग के संगम द्वारा बनती है जिसका महाभारत में भी उल्लेख मिलता है। इस नदी के तट पर प्राचीन काल में कई तीर्थ थे।
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