चाणक्य नीति के अनुसार संतान को 10 बातें जरूर बताएं
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में जीवन, राजनीति, धर्म आदि कई विषयों पर सूत्रवाक्य लिखे हैं जो आज भी प्रासंगिक हैं। चाणक्य ने संतान को लेकर भी कई बातों का उल्लेख किया है कि संतान कैसी होना चाहिए। उसका लालन पालन कैसा होना चाहिए। माता पिता की क्या जिम्मेदारी होना चाहिए आदि। इन्हीं में से कुछ यह है कि माता पिता अपनी संतान को 10 बातें जरूर बताएं।
1. सदाचार की बातें बताएं : माता-पिता अपने बच्चों को सदाचार की बातें बताकर उनमें उसी तरह के गुण विकसित करें। ऐसी शिक्षा से बच्चे गुणी और समझदार बनेंगे।
2. सच बोलने का महत्व बताएं : माता-पिता अपने बच्चों को उदाहरण के साथ झूठ बोलने के नुकसान और सच बोलने के फायदे बताएं। उन्हें सदैव सच बोलने के लिए प्रेरित करें।
3. अनुशासन में रहने के महत्व को बताएं : माता पिता अपने बच्चों को स्व:अनुशासन के महत्व के बारे में बताएं। अनुशासित बच्चा ही सफलता की सीढ़ियां चढ़ता है। उसे समय पर सोना, समय पर उठना और समय पर ही कोई कार्य करने के महत्व को बताएं।
4. परिश्र के महत्व को बताएं : परिश्राम से ही सफलता प्राप्त की जाती है। जीवन में परिश्रम का बहुत महत्व है। किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए लगन और मेहनत के महत्व को उदाहण सहित बताएं।
5. प्रकृति के बारे में जागरूक करें : प्रकृति हमारे जीवन को संचालित करती है। प्रकृति की निर्भरता हमारे जीवन में किस तरह से हैं यह बताएं। साथ ही क्यों जरूरी है प्राकृति का संवरक्षण और क्या है इसकी उपयोगिता यह जरूर समझाएं। प्रकृति द्वारा प्रदान की जाने वाली वस्तुओं की उपयोगिता के बारे में जानकारी दें।
6. खेल के प्रति करें प्रेरित : बच्चों के लिए खेल जरूरी है। इससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास होता है। अत: शिक्षा के साथ ही उन्हें खेल के महत्व के बार में बताना चाहिए। बच्चों को कभी भी खेलने से नहीं रोकना चाहिए।
7. शिक्षा के महत्व के बारे में बताएं : बच्चों को यह भी जरूर बताएं कि हमें पढ़ना लिखना क्यों जरूरी है। क्या होगा इससे। शिक्षा कैसे व्यक्तित्व निर्माण में सहायक है और शिक्षा किस तरह हमें योग्य बनाकर जीवन में सफलता दिला सकती है। यह सभी बातें बताएं।
8. आदर्श पुरुषों के बारे में बताएं : बच्चों को देश और समाज के साथ ही परिवार के आदर्श पुरुषों के बारे में बताएं। उन्हें महापुरुषों जैसा बनने के लिए प्रेरित करें।
9. धर्म और आस्था के बारे में करें जागरूक : बच्चों को बताएं कि हमारे जीवन में आस्था, विश्वास या धर्म का क्या महत्व है। उन्हें धार्मिक बनाएं ताकि वे सही और गलत में फर्क करना सीखें और गलत रास्ते पर न जाए।
10. आज्ञाकारी होना क्यों जरूरी है यह बताएं : बच्चों को उन लोगों की आज्ञा मानने का महत्व जरूर बताएं जो सही मार्ग बताना जानते हैं। इसी के साथ माता पिता भी बच्चों से इस तरह पेश आएं कि बच्चा भी उनका सम्मान करके उनके प्रति आज्ञाकारी बने। बच्चा तभी आज्ञाकारी बनता है जबकि माता पिता एक आदर्श माता पिता बनकर बताते हैं।