Chanakya Niti: चाणक्य ने महिलाओं के बारे में बहुत कुछ लिखा है। इनमें से कई बातों से हम असहमत हो सकते हैं और कई से सहमत। चाणक्य यह यह बातें उस काल की स्थिति और परिस्थिति को देखकर लिखी थी। उन्होंने स्त्रियों के गुणों के बारे में भी लिखा है। आओ जानते हैं कि चाणक्य ने महिलाओं के कौनसे गुणों के बारे में बताया है।
2. मृदु भाषी : चाणक्य के अनुसार जिसकी पत्नी मीठा बोलने वाली है वो भाग्यशाली है। ऐसी महिलाएं कहीं भी रहे उसके संबंध सभी से अच्छे रहते हैं और उसी से घर में खुशी रहती है। उसकी सभी तारीफ करते हैं। अत: स्त्री की वाणी बहुत ही मधुर होनी चाहिए। कड़वे वचन नहीं बोलने चाहिए।
3. बचत : चाणक्य नीति के अनुसार जो महिला धन संचय करना जानती है उस परिवार पर अचानक विपत्ति आती है तो उसके परिवार को हानि नहीं होती है।
स्त्रीणां द्विगुण आहारो लज्जा चापि चतुर्गुणा।
साहसं षड्गुणं चैव कामश्चाष्टगुणः स्मृतः ॥17॥- चाणक्य नीति
अर्थात : स्त्री का आहार यानी भूख पुरुषों से दुगनी होती हैं। शर्म यानी लज्जा चार गुना ज्यादा, साहस पुरुष से छ: गुना ज्यादा होता है। इसलिए ही स्त्रियों को शक्ति स्वरूप भी माना गया है। वहीं स्त्रियों में काम इच्छा भी पुरुषों से आठ गुना ज्यादा होती है।
बाहुवीर्यबलं राज्ञो ब्राह्मणो ब्रह्मविद् बली।
रूप-यौवन-माधुर्यं स्त्रीणां बलमनुत्तमम्।।- चाणक्य नीति
अर्थात : राजाओं का बल बाहुबल, शस्त्र और उसकी सेना, ब्राह्मण का बल ज्ञान और ब्रह्म विद्या है लेकिन महिलाओं का बल मधुर वाणी, रूप, शीलता, शालीनता और यौवन है।