कुतुब मीनार के 50 साल पुराने दरवाजे, खिड़कियां बदले जाएंगे
नई दिल्ली। दिल्ली में स्थित सदियों पुरानी विरासत कुतुब मीनार के लकड़ी के पुराने दरवाजों और खिड़कियों को बदलने का काम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) ने शुरू कर दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह काम इस महीने के अंत तक पूरा हो जाएगा।
कुतुब मीनार देश की सबसे ऊंची मीनार है। इसकी ऊंचाई 72.5 मीटर है। इसका नवीकरण 50 साल बाद हो रहा है। साल की लकड़ी से बने इसके दरवाजे और खिड़कियां बहुत पुराने हो गए थे और इनमें दरारें भी पड़ गई थीं जिसके कारण मीनार के भीतर पक्षी और चमगादड़ घुस जाते थे। एएसआई (दिल्ली क्षेत्र) के अधीक्षक पुरातत्वविज्ञानी एनके पाठक ने बताया, ‘जमीनी काम करीब एक महीने पहले शुरू हुआ और दरवाजे - खिड़की बदलने का काम जारी है। पूरे काम की लागत आठ लाख रुपए है। यह काम जुलाई अंत तक खत्म हो जाएगा।’
पत्थर से बनी इस विरासत का व्यास तले पर 14.32 मीटर और शीर्ष पर 2.75 मीटर है। पाठक ने बताया कि दरवाजों और खिड़कियों की दरारों से पक्षी और चमगादड़ खासकर कबूतर भीतर घुस जाते थे और उनकी बीट के कारण साफ - सफाई एक समस्या बन गई थी और इससे मीनार के पत्थरों को नुकसान पहुंच रहा था। (भाषा)