त्र्यंबकेश्वर मंदिर में जबरन प्रवेश : राज ठाकरे ने कहा- फैसला स्थानीय लोगों पर छोड़ देना चाहिए
Forcible entry case in Trimbakeshwar temple : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को कहा कि नासिक के लोगों को त्र्यंबकेश्वर मंदिर के उस मुद्दे पर फैसला लेना चाहिए, जिसमें किसी पृथक धर्म के कुछ लोगों ने पास की दरगाह से जुड़ी एक परंपरा के हिस्से के रूप में 13 मई को अगरबत्ती जलाने के लिए मंदिर में जबरन प्रवेश करने की कोशिश की थी।
गौरतलब है कि 13 मई की इस घटना के बाद मंदिर के एक अधिकारी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर चार लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295 (धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल को नुकसान पहुंचाना या अपवित्र करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जबकि महाराष्ट्र सरकार ने जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था।
ठाकरे ने कहा, त्र्यंबकेश्वर का मुद्दा स्थानीय निवासियों का है और उन्हें निर्णय लेना चाहिए। बाहरी लोगों को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। अगर कोई परंपरा वर्षों से चली आ रही है तो उसे रोकना ठीक नहीं है। क्या हमारा धर्म इतना कमजोर है कि अगर कोई दूसरे धर्म का व्यक्ति मंदिर में प्रवेश करता है तो वह अपनी पवित्रता और दिव्यता खो देगा।
उन्होंने कहा, देश में कई मंदिर और मस्जिद हैं जहां (विभिन्न धर्मों के) लोगों के बीच आपसी समझ है। मुंबई में माहिम थाने के कांस्टेबल माहिम दरगाह पर चादर चढ़ाते हैं। दूसरी ओर, हमारे कुछ मंदिरों में केवल एक जाति विशेष के लोगों को ही जाने की अनुमति है।
ठाकरे ने कहा कि तट के किनारे पड़ने वाली और ऐतिहासिक किलों में स्थित मस्जिदों और अनधिकृत दरगाहों पर लाउडस्पीकर लगाए जाने जैसे विवादित मुद्दों से निपटना चाहिए, न कि इसे दंगों का कारण बनने वाली समस्याओं में तब्दील कर दिया जाना चाहिए। ठाकरे ने कहा कि उन्होंने भी मस्जिदों और दरगाहों का दौरा किया है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)