शामली में महापंचायत, जयंत चौधरी का यूपी सरकार पर बड़ा हमला
शामली। कृषि कानूनों के विरोध में 72 दिन से किसान गाजीपुर और सिंघू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। वहीं, अब दूसरी तरफ जगह-जगह किसान महापंचायतों का दौर चल रहा है। यूपी के मुजफ्फरनगर में सबसे पहले भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत की अगुवाई महापंचायत का आयोजन हुआ था, जिसमें विपक्ष के सभी दलों ने किसानों के साथ ताल मिलाकर चलने का आश्वासन दिया था। उसके बाद जींद (हरियाणा) में विशाल किसान पंचायत ने सरकार को अपना शक्ति प्रदर्शन दिखाया।
इसी कड़ी में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के शामली जिले में राष्ट्रीय लोकदल के आह्वान पर किसान महापंचायत हुई। इस पंचायत को शामली प्रशासन की ओर से अनुमति नही दी गई। बिना अनुमति के ही बड़ी संख्या में किसान पंचायत में पहुंचे गए, जिसे लेकर किसानों, महापंचायत के आयोजकों का प्रशासन के साथ टकराव भी हुआ।
शामली प्रशासन का कहना था कि सुरक्षा की दृष्टि से जिले में धारा 144 लगी हुई है, जिसके चलते आगामी 3 अप्रैल तक जिले में किसी भी बड़ी सभा को करने पर रोक लगा दी है। कृषि कानूनों के विरोध में शामली जिले के भैंसवाल गांव के स्वामी कल्याण देव कन्या गुरुकुल में सुबह से ही बड़ी संख्या में किसानों का पहुंचना शुरू हो गया था।
स्थानीय प्रशासन ने बड़े नेताओं को महापंचायत में धारा 144 लगी होने का वास्ता देकर रोकने की कोशिश की। राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी को जब जिला प्रशासन ने रोका तो वह नहीं रुके। भारी भीड़ को देखकर जयंत मंच से बोले- योगी जी आपका माथा बहुत चौड़ा है, उस पर धारा 144 लिखवा लें, हम न आज रुकेंगे और न ही कल रुकेंगे।
जयंत ने आगे बोलते हुए कहा कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा भाजपा की साजिश थी। उपद्रवियों दिल्ली में उपद्रव करते रहे और पुलिस उन्हें मूकदर्शक बनकर देखती रही। जयंत ने किसानों से कहा जो हमारे साथ नही हैं उन्हें आगामी चुनाव में वोट नहीं देना चाहिए।
छोटे चौधरी जयंत ने कहा कि सरकार कृषि कानूनों पर अडिग है। सरकार को इतना अंहकार नहीं करना चाहिए। जब देश का किसान इस कानून का विरोध कर रहा हैं, तो ऐसे में सरकार को इसे वापस ले लेना चाहिए।
उन्होंने मंच से किसानों को अपनी भूल सुधार करने का आह्वान किया और बोले जब विधानसभा में आपके प्रतिनिधि और शुभचिंतक कम हो जाएंगे तो कौन सुनेगा। इसलिए ज्यादा से ज्यादा अपने लोगों को जिताकर विधानसभा भेजना होगा।
कृषि कानूनों का विरोध करते हुए महापंचायत में जुटे वक्ताओं ने कहा कि सरकार को इन तीनों कानूनों को वापस लेना ही होगा। यदि सरकार कृषि कानून वापस नहीं लेती है तो आंदोलन जारी रहेगा।
राकेश टिकैत ने महापंचायत से दूरी बनाई : इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत तो नही पहुंचे, लेकिन उनके छोटे भाई नरेंद्र महापंचायत में शामिल हुए। हालांकि राकेश टिकैत ने शामली में होने वाली इस पंचायत से खुद को अलग रखते हुए कहा कि हमारा इससे कोई लेना-देना नही है।