बांकेबिहारी के चरण दर्शन से पूरी होती हैं मनोकामनाएं, वृंदावन में उमड़ा जनसैलाब
मथुरा। ब्रजमंडल में अक्षय तृतीया पर्व पर भक्तों का जनसैलाब उमड़ा हुआ है, क्योंकि यहां पर श्रीकृष्ण की लीलास्थली वृंदावन के प्रसिद्ध ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में चरण दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। दूरदराज से आए भक्त अपने आराध्य श्रीकृष्ण के चरणों के दर्शन लिए यहां पहुंचे हैं। वर्ष में एक बार अक्षय तृतीया पर ठाकुरजी के चरण दर्शन पाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु कृष्ण लीलास्थली पर आते हैं।
साल में एक बार बांकेबिहारी के अद्भुत चरण दर्शन को आतुर श्रृद्धालुओं का मेला लगता है। बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत कई दिन पहले से तैयारियों में जुट जाते हैं। मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त फोर्स भी तैनात की जाती है। जिला प्रशासन ने भी सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करते हुए पूरे वृंदावन को 3 जोनों में बांटा है। मंगलवार को भक्तोँ के कण-कण में बसने वाले आराध्य ठाकुर श्रीबांकेबिहारी महाराज ने भक्तों को प्रात:काल में पीत वस्त्र धारण करते राजा के रूप में चरण दर्शन दिए जबकि सायंकालीन बेला में सर्वांग दर्शन देंगे।
ठाकुरजी को गर्मी से बचाने के लिए सेवायत ने विशेष प्रबंध किया है। बांकेबिहारी के शरीर पर चंदन, गुलाब जल, इत्र व केसर के मिश्रण से लेपन करके ठंडक प्रदान की गई है। वहीं ठाकुरजी को सत्तू के लड्डू और शर्बत निवेदित किया गया। मंदिर सेवायत ने ठाकुरजी का पूरा श्रृंगार करके उनके श्रीचरणों में सोने-चांदी की पायजेब धारण करवाई और फिर मंगलवार की सुबह अक्षय तृतीया पर भक्तों के दर्शन के लिए ठाकुरजी के पट खोल दिए गए। माना जाता है कि अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर भक्तों को अपने आराध्य के विशेष दर्शन करने से पुण्य लाभ मिलता है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
अक्षय तृतीया की शाम को लगभग 5.30 बजे दर्शन के लिए बांकेबिहारी मंदिर के पट खुलते ही दर्शन के लिए लोग मंदिर पर जुट गए, वहीं वृंदावन के राधा दामोदर मंदिर, राधारमण, राधा गोपीनाथ, राधा गोकुलानंद, राधा मदनमोहन, राधा गोविंद देव, राधा श्याम सुंदर मंदिर सहित प्राचीन मंदिरों में ठाकुरजी अपने भक्तों को सर्वांग चंदन दर्शन देंगे। अक्षय तृतीया से धर्मनगरी के सभी प्रमुख मंदिरों में फूल बंगले बनने प्रारंभ हो जाएंगे। बड़ी तादाद में पहुंचे भक्तगण ठाकुरजी के चरण दर्शन पाकर झूमते और आनंदित नजर आ रहे हैं। मंदिर सेवायत का कहना है कि वर्ष में एक बार अक्षय तृतीया पर ठाकुरजी के चरणों के दर्शन होते हैं और इन चरण दर्शनों को पाकर भक्तगण आल्हादित हो उठते हैं।