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Written By हिमा अग्रवाल
Last Updated : बुधवार, 26 अक्टूबर 2022 (21:47 IST)

केदारनाथ को 230 किलो सोने का चढ़ावा, महाराष्ट्र के भक्त ने दीवारों पर जड़वाई सोने की परतें

केदारनाथ को 230 किलो सोने का चढ़ावा, महाराष्ट्र के भक्त ने दीवारों पर जड़वाई सोने की परतें - 230 kg gold to uttarakhand kedarnath temple to make wall
उत्तराखंड। भक्तों की आस्था के केन्द्र और प्रमुख ज्योतिर्लिंग मंदिर स्वर्ण जड़ित होकर अपनी दिव्यता से सबका मनमोह रहे हैं। इसी कड़ी में उच्च हिमालय में स्थित विश्वविख्यात केदारनाथ मंदिर का गर्भगृह भी स्वर्ग मंडित होकर अपनी अपनी आभा बिखरे रहा है। गर्भगृह की दीवारों, खंबों और छतों पर 550 सोने की परत चढ़ाई गई है, जिसके चलते गर्भगृह भव्यता देखते ही बनती है। 
 
बाबा केदारनाथ के मंदिर का गर्भगृह बुधवार को स्वर्णमंडित हो गया है। मंदिर के गर्भ गृह की चारों दीवारों और चारों स्तंभों पर पहले चांदी की परत लगाई गई थी, जिनका वजन लगभग 230 किलो के आसपास था। ऐसे में माना जा रहा है कि मंदिर के गर्भगृह में लगने वाले सोने का वजन भी 230 किलो के करीब होगा।

केदारनाथ के गर्भगृह में 550 सोने की परतों से दीवारों और छत नए स्‍वरूप में दिख रही हैं। बीते तीन दिनों से केदारनाथ गर्भगृह में सोना चढ़ाने का काम चल रहा है जो आज लगभग पूरा हो गया है। गर्भगृह की शोभा को दोगुना करने के लिए यह स्वर्ण महाराष्ट्र के एक दानी ने दान किया गया है, बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति और एएसआई के अधिकारियों की देखरेख में यह कार्य किया गया है।
 
केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को पूर्ण रूप से स्वर्ण जड़ित करने के लिए दीवारों, छत पर लगी चांदी को मंदिर समिति के पदाधिकारियों की मौजूदगी में हटाकर भंडार गृह में सुरक्षित रखा गया है। सोने की परत चढ़ाने से पहले गर्भगृह की दीवारों पर तांबा चढ़ाकर नाप लिया गया।

तांबे की इस परत को उतार कर  गया  चांदी को हटाने के बाद मंदिर के भंडार गृह में सुरक्षित रख दिया गया, उसके बाद चांदी के स्थान पर गर्भगृह की दीवारों पर तांबा चढ़ाया गया। इसके बाद नाप के लिए तांबे की परत को उतारकर महाराष्ट्र ले जाया गया।

तांबे की परत की नाप पर सोने की 550 परतें तैयार हुईं, जिनको गौरीकुंड से घोड़ी-खच्चर के माध्यम से मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचाया गया, मंदिर के गर्भगृह, चारों खंभों व स्वयंभू शिवलिंग के आसपास की जलहरी में सोने की परतों को चढ़ाने के लिए 19 मजदूरों ने दिन-रात परिश्रम किया है।
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