श्री राम नवमी 2023 : आज घर घर विराजेंगे श्री राम, जानिए इस दिन का महत्व
आज श्री राम नवमी पर्व है। प्रतिवर्ष की तरह इस साल भी राम नवमी का महापर्व दिन गुरुवार, 30 मार्च 2023, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को बड़े ही उत्साह तथा धूमधाम से मनाया जा रहा है।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री विष्णु ने धर्म की स्थापना और अधर्म का नाश के लिए ही त्रेतायुग में धरती पर भगवान श्री राम के रूप में मनुष्य अवतार लिया था। अत: आज प्रभु श्री राम घर-घर में विराजेंगे तथा उनकी यह जयंती पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी। राम नवमी पर अयोध्या में भी राज जन्मोत्सव का भव्य आयोजन होता है।
मान्यतानुसार भगवान विष्णु के अनेक अवतारों में से एक अवतार त्रेतायुग में सरयू नदी के तट पर बसी अयोध्या नगरी में सूर्यवंश कुल के राजा दशरथ की महारानी कौशल्या के गर्भ से चैत्र मास की नवमी तिथि को अभिजीत मुहूर्त में श्री राम जी ने जन्म लिया था। तब से लेकर आज तक युगों-युगों से चैत्र मास की नवमी तिथि को राम नवमी पर्व मनाया जाता है।
हिन्दू धर्म में भगवान श्री राम को मर्यादा का प्रतीक माना गया है तथा उन्हें पुरुषोत्तम यानि श्रेष्ठ पुरुष की संज्ञा दी गई है। भगवान राम समाज में व्याप्त ऊंच-नीच के भेदभाव को नहीं मानते। इसका उदाहरण श्री राम द्वारा शबरी के झूठे बेर खाना है।
इतना ही नहीं भगवान श्री राम परम पराक्रमी है, अत: उन्होंने विभिन्न कलाओं में निपुण लंकापति रावण के अंहकार को ध्वस्त करके उस पर विजय प्राप्त की थी। राम जी को मावा एवं पंजिरी का भोग अतिप्रिय है, इसीलिए उनके भक्त उन्हें इसका भोग लगाकर उनसे आशीष पाते हैं।
राम नवमी के दिन व्रत-उपवास रखकर पूरे मन से प्रभु श्री राम का पूजन-अर्चन करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है तथा सभी तरह के पापों का नाश हो जाता है। श्री राम शास्त्रों के ज्ञाता और समस्त लोकों पर अपने पराक्रम का परचम लहराने वाले पुरुषोत्तम हैं, जिन्होंने कभी स्त्री-पुरुष में भेदभाव नहीं किया, इसके कई उदाहरण है, जहां वे अपनी पत्नी सीता के प्रति समर्पित व उनका सम्मान करते नज़र आते हैं।
आज के दिन श्रीरामचरित मानस ग्रंथ का पाठ अवश्य ही करना चाहिए तथा राम नवमी का पर्व यानी राम जन्मोत्सव को धूमधाम से मनाना चाहिए। प्रभु राम के जन्म का दिन समस्त लोकों को शांति देने वाला पवित्र समय माना जाता है।
आज के दिन भारत भर के सभी स्थानों से शोभायात्रा निकाली जाती है तथा प्रभु श्री राम जी की मूर्ति को फूल-मालाओं से सजाकर पालने में झुला झुलाया जाता हैं। इसके अलावा रामायण, श्री रामरक्षा स्त्रोत, श्री राम चालीसा, भजन, कीर्तन तथा प्रभु राम नाम के मंत्रों का जाप करना अतिलाभदायी और महत्व का माना गया है।