किस मठ के प्रमुख महंत हैं बाबा बालक नाथ, क्या राजस्थान के सीएम बनेंगे?
Baba balaknath : राजस्थान में बीजेपी की जीत के बाद जो नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में हैं, वो है बाबा बालकनाथ। उनका कनेक्शन यूपी के आदित्यनाथ से भी है और बुल्डोजर से भी।
अपनी हिन्दूत्वादी छवि के लिए बाबा बालकनाथ राजस्थान में बेहद लोकप्रिय हैं और अब प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में भी हैं। उन्हें राजस्थान का योगी कहा जा रहा है। बता दें कि बालकनाथ भी योगी आदित्यनाथ की तरह नाथ संप्रदाय से ताल्लुक रखते हैं। जानते हैं आखिर कौन हैं बाबा बालकनाथ।
क्या सीएम बनेंगे बालकनाथ : बाबा बालकनाथ की उम्र 39 साल है। राजस्थान बीजेपी के वे राष्ट्रवादी फायरब्रांड नेता हैं। विधानसभा चुनाव में वे राजस्थान की तिजारा सीट से जीते हैं। हालांकि जिस समय वह राजस्थान विधानसभा का चुनाव लड़ रहे थे, तब वह अलवर जिले से सांसद भी थे। बीजेपी ने उन्हें खास मकसद से विधानसभा चुनावों में खड़ा किया। इसी वजह से उन्हें राज्य में मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार भी माना जा रहा है।
6 साल में आए अध्यात्म में : बता दें कि बाबा बालकनाथ उसी नाथ संप्रदाय से आते हैं, जिससे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। अगर योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में नाथ संप्रदाय के पीठ गोरखधाम के महंत हैं तो बाबा बालकनाथ हरियाणा के रोहतक में मस्तनाथ मठ के महंत। सिर्फ 6 साल की उम्र में आध्यात्म की दुनिया में आ गए थे।
ऐसे आए अध्यात्म में : बालकनाथ जी 16 अप्रैल 1984 को अलवर जिले कोहराना गांव एक यादव परिवार में हुआ था। परिवार कृषि से जुड़ा था लेकिन साधुसंतों की सेवा में खूब लगा रहता था। इसी वजह से बहुत कम उम्र में बालकनाथ महंत चांदनाथ के साथ हनुमानगढ़ मठ चले गए और उनसे आध्यात्म की दीक्षा ली।
बुल्डोजर कनेक्शन : बाबा बालकनाथ को राज्य में फायरब्रांड नेता माना जाता है। वह हिंदू हितों और हिंदूत्व को सबसे आगे रखते हैं। वह जब अपने चुनाव नामांकन के लिए गए तो कई जगह बुलडोजर से भी गए, जिससे माना गया कि उनका योगी आदित्यनाथ से खास रिश्ता है। वैसे दोनों के नाथ संप्रदाय में होने के कारण एक दूसरे के प्रति खास आत्मीयता है। नाथ संप्रदाय में गोरख पीठ को इस संप्रदाय का अध्यक्ष माना जाता है तो रोहतक की पीठ को उपाध्यक्ष। बालकनाथ नाथ संप्रदाय के आठवें संत माने गए हैं।
मस्तनाथ मठ के उत्तराधिकारी : बाबा बालकनाथ वर्ष 2016 में रोहतक के मस्तनाथ मठ के उत्तराधिकारी बने। वह बाबा मस्तनाथ विश्व विद्यालय के चांसलर भी हैं। जब कुछ सर्वे एजेंसियां चुनाव से पहले राजस्थान में सर्वे कर रही थीं तब बाबा बालकनाथ मुख्यमंत्री पद के दूसरे लोकप्रिय दावेदार बनकर उभरे थे। पहली इस पद की पसंद अशोक गहलौत थे। बाबा बालकनाथ हमेशा भगवा वस्त्र पहनते हैं।
ओबीसी कैटेगरी : बाबा बालकनाथ ओबीसी कैटेगरी से आते हैं। जब उन्होंने अपना चुनाव घोषणापत्र भरा तो अपने 45 हजार रुपए घोषित किए। साथ ही ये भी बताया कि सांसद के वेतन के तौर उन्हें जो पैसा मिला, वो राशि 13 लाख 29 हजार 558 रुपए है। बाबा बालकनाथ की पढ़ाई इंटर तक है।
Edited by navin rangiyal