फुलेरा दूज के 11 शुभ उपाय, 4 मार्च को कान्हा और राधा के आशीर्वाद के लिए अवश्य आजमाएं
इस वर्ष 4 मार्च 2022, शुक्रवार को फुलैरा दूज (phulera dooj) का त्योहार मनाया जा रहा है। यह त्योहार होलाष्टक लगने और होली से कुछ दिन पहले ही मनाया जाता है। इस दिन पूरे विधि-विधान से कृष्ण जी और राधा जी की पूजा करके उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। फाल्गुन मास (Phalguna month) की फुलैरा दूज तिथि को राधा-कृष्ण के मिलन की तिथि के रूप में भी मनाया जाता है। मान्यतानुसार इसी दिन राधा जी ने भगवान श्री कृष्ण के साथ फूलों की होली खेली थी।
यह त्योहार मन को खुशियों से भर देता है। यहां जानिए फुलैरा दूज के 11 खास उपाय-
1. फुलेरा या फुलैरा दूज पर भगवान श्री कृष्ण और राधा जी की पूजा की जाती है। इस दिन दोनों पर गुलाल जरूर अर्पित करें क्योंकि इस दिन से होली शुरू होती है।
2. फुलैरा दूज पर राधा-कृष्ण को जो गुलाल अर्पित किया जाता है, इस गुलाल को अपने पैरों में न आने दें।
3. फुलैरा/फुलेरा दूज (phulera dooj) पर राधा-कृष्ण (Radha-Krishna) को रंगबिरंगे फूल अर्पित करने से परस्पर प्यार बढ़ता है। इस दिन राधा-कृष्ण के मंदिर जाकर दर्शन जरूर कर लें। ऐसा करना बहुत शुभ माना जाता है।
4. फुलेरा/ फुलैरा दूज के दिन राधा जी को श्रृंगार की वस्तुएं (Shringar Samgri) जरूर अर्पित करें और उनमें से कोई चीज अपने पास संभाल कर रख लें। ऐसा करने से जल्द विवाह होगा। आप चाहें तो इस दिन बिना किसी मुहूर्त के भी विवाह कर सकते हैं।
5. फुलेरा/ फुलैरा दूज पर किसी का भी अपमान न करें। प्रेमी का तो बिल्कुल भी नहीं, इसी तरह घर के वरिष्ठों का भी नहीं। यह अशुभ फलदायक माना जाता है।
6. फुलेरा/ फुलैरा दूज पर सभी मांगलिक कार्य करें। गाय को भोजन कराने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी और सभी दुख दूर हो जाएंगे।
7. फुलेरा/ फुलैरा दूज के मौके पर भूलकर भी मांसाहार न करें। इस दिन शराब के सेवन से भी दूर रहें। पूजा के बाद सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।
8. गाय, मयूर और छोटी बछिया को आहार दें। दूज के दिन किसी की भी निंदा न करें। किसी कृष्ण भक्त का अपमान न करें।
9. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा की पूजा करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है और प्रेम बना रहता है। अगर आप अपने प्रेम को पाने के लिए पूजन कर रहे हैं तो गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करें।
10. इस दिन अपने सोने के पलंग के नीचे की गंदगी साफ करके पलंग के चारों पैरों में गुलाबी धागा बांधें तथा सोने के लिए एक ही तकिए का प्रयोग करें। ढेर सारे तकिए उपयोग में ना लाएं।
11. फुलेरा/ फुलैरा दूज के दिन सुबह के बाद शाम के समय रंगीन और साफ कपड़े पहन कर आनंदपूर्वक पुन: पूजन करें, क्योंकि शाम के समय किया गया पूजन सबसे उत्तम माना जाता है।