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आज है भड़ली नवमी, जानिए इस दिन का महत्व क्या है, 10 बड़ी बातें

आज है भड़ली नवमी, जानिए इस दिन का महत्व क्या है, 10 बड़ी बातें - Bhadariya Navami 2022 Date n Muhurat
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार भड़ली नवमी (Bhadli Navami 2022) का दिन भी अक्षय तृतीया के समान ही महत्व वाला माना गया है, अत: इसे भी अबूझ मुहूर्त मानते हैं तथा शादी-विवाह के लिए खास दिन अधिक मायने रखता है। इस दिन बिना कोई मुहूर्त देखें विवाह की विधि संपन्न की जा सकती है।

ज्ञात हो कि इस बार 10 जुलाई 2022 को देवशयनी या हरिशयनी एकादशी होने के कारण आगामी चार माह तक शादी-विवाह संपन्न नहीं किए जा सकेंगे। अत: ऐसे में चार माह तक सभी तरह के शुभ कार्य वर्जित रहेंगे।

भड़ली नवमी पर जानिए 10 खास बातें... 
 
1. इस वर्ष भड़ली नवमी का पर्व 8 जुलाई 2022, शुक्रवार को मनाया जा रहा है। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार प्रतिवर्ष आषाढ़ शुक्ल नवमी को भड़ली (भडल्या) नवमी पर्व मनाया जाता है। इस दिन नवमी तिथि होने से आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का यह अंतिम दिन होता है। इसे भादरिया नवमी, भढली नवमी, भदरिया नवमी आदि नामों से भी जाना जाता है। 
 
2. Bhadli Navami Muhurt भड़ली नवमी के दिन आप इस मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य या खरीदारी कर सकते हैं। आज के शुभ मुहूर्त वाले दिन भी कुछ और भी खास संयोग बन रहे हैं जो आपके कार्य को अधिक फलदायी बनाएंगे। आज सुबह 11.36 से 12.30 तक अभिजीत मुहूर्त है। इसके साथ ही दोपहर 02.19 से 03.14 तक विजय मुहूर्त तथा दोपहर 12.14 से अगले दिन सुबह 05.14 मिनट तक रवियोग बन रहा है। इसके अलावा आज का सबसे अधिक शुभ गोधूलि मुहूर्त सायं 06.39 मिनट से 07.03 मिनट तक रहेगा। आज के दिन बन रहे ये शुभ योग भड़ली नवमी का महत्व और अधिक बढ़ा रहे हैं। 
 
3. भारत के दूसरे कई हिस्सों में भड़ली नवमी को दूसरों रूपों में भी मनाया जाता है। उत्तर भारत में आषाढ़ शुक्ल नवमी तिथि का अधिक महत्व होने के कारण वहां इस तिथि को विवाह बंधन के लिए अबूझ मुहूर्त का दिन माना जाता है। 
 
4. भड़ली नवमी के संबंध में यह मान्यता है कि जिन लोगों के विवाह के लिए कोई मुहूर्त नहीं निकल रहा हो, उनका विवाह इस तिथि पर किया जाए, तो उनका वैवाहिक जीवन हर तरह से सुखी और संपन्न रहता है, इस दिन विवाह बंधन में बंधने वाले लोगों के के जीवन में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आती है। 
 
5. आषाढ़ मास की भड़ली नवमी तिथि का दिन बहुत ही शुभ माना गया है, अत: इस दिन आप बिना मुहूर्त देखें ही मांगलिक कार्य, नवीन गृह प्रवेश, नए वाहन की खरीदारी और नए व्यापार का शुभारंभ करना बहुत ही फलदायी माना जाता हैं। 
 
6. भड़ली नवमी के दिन जगह-जगह शुभ मांगलिक विवाह के कार्य संपन्न होते हैं, उसके बाद देवशयनी एकादशी से चातुर्मास आरंभ होने के कारण इस अवधि में सिर्फ धार्मिक कार्यक्रम होते हैं। मान्यतानुसार भड़ली नवमी से आगामी चार माह तक देवी-देवताओं का पूजन-अर्चन करना अत्याधिक लाभदायी रहता है। 
 
7. इस बार आषाढ़ शुक्ल नवमी का प्रारंभ 07 जुलाई 2022, गुरुवार को सायं 07.28 मिनट से शुरू हो गया है तथा नवमी तिथि का समापन 08 जुलाई 2022, दिन शुक्रवार को यानी भड़ली नवमी तिथि के दिन शाम 06.25 मिनट पर होगा। अत: उदया तिथि के अनुसार आज भड़ली नवमी पर्व मनाया जाएगा। भड़ली नवमी के दिन शिव, सिद्ध और रवि नामक अतिशुभ योग बन रहे हैं। जिसमें 7 जुलाई की सुबह 10.38 से 08 जुलाई की सुबह 09.01 मिनट तक शिव योग रहेगा। सिद्ध योग 8 जुलाई को सुबह 09.01 मिनट से 9 जुलाई को सुबह 06.48 मिनट तक रहेगा। इस योग में शुभ मांगलिक एवं अन्य शुभ कार्य करना अच्छा माना जाता है। 
 
8. भड़ली नवमी के दिन भगवान विष्णु को पीले रंग के पुष्प और पीले रंग की मिठाई और पीले फल चढ़ाने का अधिक महत्व है। इस दिन केले के वृक्ष की पूजा अवश्‍य करना चाहिए। 
 
9. भड़ली नवमी का दिन भगवान श्री विष्णु को समर्पित है। अत: इस दिन श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी के पूजन के लिए सबसे खास माना गया है। 
 
10. चातुर्मास शुरू होने से पूर्व विवाह का आज भड़ली नवमी के दिन आखिरी शुभ मुहूर्त बन रहा है। अत: इस दिन विवाह करने से किसी भी प्रकार का दोष नहीं लगता है। अत: भड़ली नवमी का दिन हर तरह के शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए आज का दिन सर्वोत्तम हैं। 

 
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