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Last Modified: शनिवार, 1 अक्टूबर 2022 (12:04 IST)

नवरात्रि की सप्तमी की देवी मां कालरात्रि के 7 रहस्य

नवरात्रि की सप्तमी की देवी मां कालरात्रि के 7 रहस्य - Kalratri Mata
मां दुर्गा की सातवीं विभूति हैं मां कालरात्रि है। नवरात्रि की सप्तमी तिथि को इनकी पूजा और आराधना की जाती है। कालरात्रि की उपासना करने से ब्रह्मांड की सारी सिद्धियों के दरवाजे खुलने लगते हैं और तमाम असुरी शक्तियां उनके नाम के उच्चारण से ही भयभीत होकर दूर भागने लगती हैं। इसलिए दानव, दैत्य, राक्षस और भूत-प्रेत उनके स्मरण से ही भाग जाते हैं। आओ जानते हैं इनके 7 रहस्य।
 
- मां पार्वती काल अर्थात् हर तरह के संकट का नाश करने वाली है इसीलिए कालरात्रि कहलाती है।
 
- मंत्र - 'ॐ कालरात्र्यै नम:।' 
 
- गर्दभ पर सवार माता के खुले बाल और गले में विद्युत माला है। एक हाथ वरमुद्रा, एक हाथ अभयमुद्रा, एक हाथ में लोहे का कांटा और एक हाथ में खड्ग है।
 
- कालरात्रि माता को गुड़ का नैवेद्य चढ़ाने से मुक्ति मिलती है एवं आकस्मिक आने वाले संकटों से रक्षा भी होती है
 
- जो किसी कृत्या प्रहार से पीड़ित हो एवं उन पर किसी अन्य तंत्र-मंत्र का प्रयोग हुआ हो, वे इनकी साधना कर छुटकारा पा सकते हैं।
 
- मां दुर्गा ने दैत्य रक्तबीज का वध किया तब उसके शरीर से निकलने वाले रक्त को मां कालरात्रि ने भूमि पर गिरने से पहले ही पी लिया था।
 
- मां कालरात्रि का पूजन सुबह जितनी जल्दी किया जाए, उतना शुभ है। इसके स्मरण मात्र से ही सभी संकट दूर हो जाते हैं।
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