प्रियंका गांधी को वायनाड में क्यों याद आई मदर टेरेसा?
Wayanad loksabha bypoll election : केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र में ईसाई समुदाय से जुड़ने की कोशिशों के तहत कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पर्वतीय जिले की एक बुजुर्ग महिला से तोहफे में रोजरी मिलने की घटना को याद किया। इस दौरान उन्होंने मदर टेरेसा को भी याद किया। प्रियंका ने बताया कि युवावस्था के दौरान मदर टेरेसा ने भी उन्हें एक रोजरी भेंट की थी। कैथोलिक चर्च में प्रार्थना के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली मोतियों की माला को रोजरी कहते हैं।
वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए मीनांगडी में प्रचार के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी प्रियंका ने बुजुर्ग महिला थ्रेशिया से हुई मुलाकात का जिक्र किया। प्रियंका ने बताया कि सेना के एक पूर्व कर्मी ने उन्हें बताया कि उसकी मां उनसे मिलना चाहती है, लेकिन पैरों में समस्या के कारण वह चलने-फिरने में असमर्थ है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, 'मैं आपसे सच कहती हूं कि उन्होंने जिस तरह से मुझे पकड़ा और मेरी मां जिस तरह से मुझे पकड़ती हैं, उसमें मुझे कोई फर्क महसूस नहीं हुआ। उन्होंने मेरे हाथ में एक माला थमा दी। उनका नाम थ्रेशिया है और उन्होंने मुझसे कहा कि यह माला अपनी मां (सोनिया गांधी) को दे देना।'
उन्होंने कहा कि मुझे लगा कि मैंने वायनाड में कदम भी नहीं रखा है और यहां मेरी मां पहले से ही मौजूद है। जब मैंने पहली बार आपकी धरती पर कदम रखा, तब आपने मुझे ऐसा ही महसूस कराया।
अपने भाषण में प्रियंका ने कहा कि उस बुजुर्ग महिला से हुई मुलाकात ने उन्हें अपने पिता राजीव गांधी की मौत के बाद मदर टेरेसा से हुई भेंट की याद दिला दी। उस समय वह 19 साल की थीं।
प्रियंका ने बताया कि मदर टेरेसा जब सोनिया गांधी से मिलीं तो उन्होंने उनसे मिलने की इच्छा जाहिर की, लेकिन वह बुखार से पीड़ित थीं। मदर टेरेसा मुझसे मिलना चाहती थीं और मेरे सिर पर हाथ रखना चाहती थीं। थ्रेशिया की तरह ही उन्होंने भी मेरा हाथ में एक रोजरी थमाई।
edited by : Nrapendra Gupta