• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Why congress and bjp is attacking each other on Sengol
Written By
Last Updated : शुक्रवार, 26 मई 2023 (12:48 IST)

सेंगोल पर नहीं थमा बवाल, राजदंड पर क्यों उलझे भाजपा और कांग्रेस

sengol
Sengol : नए संसद भवन (new parliament building) के उद्घाटन से पहले सेंगोल पर जारी विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। कांग्रेस, सपा समेत कई दलों के नेता इस पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं भाजपा नेता अमित शाह ने सेंगोल की आड़ में सवाल किया कि कांग्रेस पार्टी भारतीय परंपराओं और संस्कृति से इतनी नफरत क्यों करती है?
 
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा, 'कांग्रेस पार्टी भारतीय परंपराओं और संस्कृति से इतनी नफरत क्यों करती है? पंडित नेहरू को तमिलनाडु के एक पवित्र शैव मठ द्वारा भारत की स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में एक पवित्र 'सेंगोल' दिया गया था, लेकिन इसे 'चलने की छड़ी' के रूप में एक संग्रहालय में भेज दिया गया था... कांग्रेस को अपने व्यवहार पर विचार करने की जरूरत है।'
 
कांग्रेस ने दावा किया कि इस बात का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है जिससे यह साबित होता हो कि लॉर्ड माउंटबेटन, सी राजगोपालाचारी और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ‘राजदंड’ (सेंगोल) को ब्रिटिश हुकूमत द्वारा भारत को सत्ता हस्तांतरित किये जाने का प्रतीक बताया हो।
 
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी वाह-वाह करने वाले लोग इस रस्मी ‘राजदंड’ को तमिलनाडु में राजनीतिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

रमेश ने ट्वीट किया, 'क्या यह कोई हैरानी की बात है कि नए संसद भवन को व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के फर्जी विमर्श से सुशोभित किया जा रहा है? भाजपा /आरएसएस का इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का रुख एक बार फिर 'अधिकतम दावा, न्यूनतम साक्ष्य' के साथ बेनकाब हो गया है।'
 
उन्होंने कहा कि राजदंड की परिकल्पना तत्कालीन मद्रास में एक धार्मिक प्रतिष्ठान ने की थी और इसे मद्रास शहर में तैयार किया गया था। इसे अगस्त 1945 में जवाहर लाल नेहरू को प्रस्तुत किया गया था। इस बात का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि लॉर्ड माउंटबेटन, सी राजगोपालाचारी और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ‘राजदंड’ को ब्रिटिश हुकूमत द्वारा भारत को सत्ता हस्तांतरित किये जाने का प्रतीक बताया हो।
 
 
भाजपा ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने पवित्र ‘राजदंड’ को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को उपहार में दी गई ‘सोने की छड़ी’ कहकर उसे संग्रहालय में रख दिया और हिंदू परंपराओं की अवहेलना की।
 
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण (एक-हाथ से दूसरे हाथ में जाने) का प्रतीक है… लगता है भाजपा ने मान लिया है कि अब सत्ता सौंपने का समय आ गया है।

चांदी से निर्मित और सोने की परत वाले इस ऐतिहासिक ‘राजदंड’ को 28 मई को नए संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया जाएगा। उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नये संसद भवन का लोकार्पण किया जाएगा।
Edited by : Nrapendra Gupta
ये भी पढ़ें
बाबा रामदेव बोले, अध्यात्म है भारत का 'सॉफ्ट पावर'