नई दिल्ली। New Parliament Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में करीब 25 राजनीतिक दलों के शामिल होने की संभावना है, वहीं करीब 21 दलों ने समारोह के बहिष्कार का फैसला किया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) समेत सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के 18 घटक दलों के साथ ही सात गैर-राजग दल समारोह में शामिल होंगे।
बहिष्कार करने वाले दलों का कहना है कि इस सरकार के कार्यकाल में संसद की आत्मा पर बार-बार हमला किया गया। इस अहम समारोह से राष्ट्रपति को दूर रखा गया यह अशोभनीय कृत्य है।
बहुजन समाज पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, जनता दल (सेक्यूलर), लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास), वाईएसआर कांग्रेस, बीजू जनता दल और तेलुगू देशम पार्टी समारोह में शामिल होने वाले सात गैर-राजग दल हैं।
इन सात दलों के लोकसभा में 50 सदस्य हैं और इनका यह रुख भाजपा नीत राजग के लिए बड़ी राहत वाला होगा। इन दलों के भाग लेने से राजग को विपक्ष के इन आरोपों का खंडन करने में मदद मिलेगी कि यह एक सरकारी आयोजन है।
भाजपा के अलावा शिवसेना, नेशनल पीपुल्स पार्टी, नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, जननायक जनता पार्टी, अन्नाद्रमुक, आईएमकेएमके, आजसू, आरपीआई, मिजो नेशनल फ्रंट, तमिल मनीला कांग्रेस, आईटीएफटी (त्रिपुरा), बोडो पीपुल्स पार्टी, पीएमके, एमजीपी, अपना दल और एजीपी के नेता समारोह में शामिल होंगे।
कांग्रेस, माकपा, भाकपा, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी समेत 21 दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला : नए संसद भवन उद्घाटन समारोह को लेकर देश की राजनीतिक पार्टियों में दो फाड़ हो गया है। यहां तक कि मामला अब सुप्रीम कोर्ट के चौखट पर पहुंच गया है।
एक जनहित याचिका में यह निर्देश देने की मांग की गई है कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री द्वारा नहीं बल्कि भारत के राष्ट्रपति से कराने का आदेश दिया जाए। बावजूद इसके नए संसद भवन उद्घाटन समारोह में शामिल होने की लिस्ट बढ़ रही है। इससे विपक्षी एकता पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। भाषा Edited By : Sudhir Sharma