Weather updates : गंगा-यमुना ने ढाया कहर, खतरे के निशान से ऊपर, बाढ़ से 3 लाख लोग प्रभावित
प्रयागराज। राजस्थान और मध्य प्रदेश के बांधों से छोड़े गए पानी से उफनाई यमुना भी खतरे के निशान को पार कर गई है। बुधवार शाम को गंगा नदी खतरे के निशान से 18 सेमी ऊपर बह रही थी। बाढ़ का पानी लगभग एक दर्जन से ज्यादा गांवों में घुस चुका है, जिससे लोगों में दहशत है। नदी किनारे के सभी घाट पानी में डूबे हैं। शहर और देहात के लगभग 3 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
खबरों के मुताबिक, यमुना का रौद्र रूप लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बाढ़ का पानी लगभग एक दर्जन से ज्यादा गांवों में घुस चुका है, जिससे लोगों में दहशत है। नदी किनारे के सभी घाट पानी में डूबे हैं। बाढ़ के पानी से नगर के किलाघाट, बाईघाट, पीलाघाट, ढोड़ेश्वर घाट पूर्णत: डूब चुके हैं। बाढ़ का हालात देखने वाले लोग पुल पर मजमा लगाए हैं। यमुना का पूरा रौद्र रूप दिखाई दे रहा है।
घाट के राम माधव मंदिर के अंदर पानी घुस चुका है। लगभग एक दर्जन गांवों में हाहाकार मचा है। इलाके के कई लोगों के घरों में पानी दाखिल हो जाने से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए गए हैं। एनडीआरएफ टीम मोर्चा संभाले हुए है। शहर के 35 मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है। लगभग डेढ़ सौ गांवों में बाढ़ की त्रासदी शुरू हो गई है। शहर और देहात के लगभग 3 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
लगभग 40 हजार एकड़ फसलें जलमग्न हो गई हैं। सैकड़ों पशु बह गए। हजारों मकान भी डूब गए। शहर में भी कमोबेश यही हालात हैं। प्रशासन का अनुमान है कि 15 हजार मकान डूब चुके हैं। शहर में बनाए गए 10 राहत शिविरों में लगभग ढाई हजार लोग शरण लेकर रह रहे हैं। उफनाती गंगा और यमुना के बाढ़ संकट का सामना करने के लिए जिला प्रशासन ने टीमें गठित कर राहत कार्य तेज कर दिया है।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व जल पुलिस की टीमें लगाई गई हैं। बचाव और राहत कार्य के लिए नावें और मोटर बोट भी चल रही हैं। किसी तरह अपनी जान बचाकर लोगों ने राहत शिविरों, रिश्तेदारों व परिचितों के घर पहुंचकर शरण ले रखी है। कई लोग तो छतों पर डेरा जमाए हुए हैं। लोगों की रोजमर्रा की जरूरतें भी नहीं पूरी हो पा रही हैं।