उपराष्ट्रपति चुनाव : वोटिंग से बाहर हुए 3 दल, किसे मिलेगा फायदा
Vice President election : उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष के बी सुदर्शन रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला है। चुनाव में राधाकृष्णन का पलड़ा भारी नजर आ रहा है वहीं विपक्ष के सुदर्शन को क्रॉस वोटिंग के सहारे जीत की उम्मीद है। इस बीच सुखविंदर सिंह बादल के अकाली दल, नवीन पटनायक के बीजद और के चंद्रशेखर राव की बीआरएस ने मतदान से दूरी बना ली है। दोनों सदनों में इन 3 दलों के 14 सांसद है।
3 दलों ने इस चुनाव में राधाकृष्णन और बी सुदर्शन रेड्डी दोनों का ही समर्थन नहीं करने का फैसला किया है। इन दलों के सांसदों के मतदान में शामिल नहीं होने के फैसले से पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए ही नंबर गेम चेंज हो गया है।
मतदान से दूरी बनाने वाले तीनों ही दल विपक्ष में बैठते है लेकिन सरकार के करीब हैं। अकाली दल तो लंबे समय तक एनडीए में शामिल रहा है। 2022 के चुनाव में भी तीनों दलों ने जगदीप धनखड़ का समर्थन किया था।
गौरतलब है लोकसभा में 542 और राज्यसभा में 239 सांसद हैं। इस तरह चुनाव में 781 सांसदों को वोटिंग का अधिकार है। चुनाव में जीत के लिए उम्मीदवार को 391 वोटों की आवश्यकता होगी। 14 सांसदों के वोट नहीं डालने से वोट डालने वाले सदस्यों की संख्या घटकर 767 ही रह जाएगी। जीत के लिए अब केवल 384 सांसदों का ही समर्थन चाहिए होगा।
दोनों सदनों में सत्ता पक्ष के पास 425 सांसदों का समर्थन मौजूद है। इससे एनडीए उम्मीदवार की जीत का अंतर कम हो सकता है। वाईएसआरसीपी ने एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन को समर्थन दिया है, इससे एनडीए के पास 436 सांसदों के वोट हो रहे हैं। वहीं विपक्ष के पास फिलहाल 324 सांसदों का ही समर्थन दिख रहा है। सात सांसद निर्दलीय सांसदों के साथ ही जेडपीएम और आम आदमी पार्टी की स्वाति मालीवाल ने भी अपना रुख साफ नहीं किया है। इस चुनाव में पार्टी व्हिप नहीं चलता इस वजह से क्रॉस वोटिंग की संभावना भी रहती है।
edited by : Nrapendra Gupta