एक और प्रवासी श्रमिक को गोली मारी, प्रवासियों व कश्मीरी पंडितों में दहशत का माहौल
जम्मू। गगनगीर में प्रवासी नागरिकों पर हमले के चार दिनों के उपरांत आतंकियों ने एक और हमला कर एक प्रवासी नागरिक को गोली मार कर जख्मी कर दिया है। ताजा हमले के उपरांत न सिर्फ प्रवासी नागरिकों में दहशत का माहौल है बल्कि उन कश्मीरी पंडितों में भी डर पैदा हो गया है जो प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में तैनात हैं।
अधिकारियों ने बताया कि आज तड़के आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर के बटगुंड त्राल इलाके में उत्तर प्रदेश के एक प्रवासी नागरिक प्रीतम सिंह को गोली मार कर जख्मी कर दिया। हालांकि उसकी अंगुली में गोली लगी है जिस कारण पुलिस इसे गंभीर हमला नहीं मान रही है।
लेकिन इतना जरूर था कि हमले के बाद पहले से ही गगनगीर हमले से डरे हुए प्रवासी नागरिकों व कश्मीर के विभिन्न इलाकों में प्रधानमंत्री रोजगार योजना पैकेज के तहत नौकरी कर रहे कश्मीरी पंडित भी डर गए हैं। इन हमलों के चलते कश्मीर से प्रवासी श्रमिकों व नागरिकों का पलायन तेज हुआ है। पर पुलिस व नागरिक प्रशासन किसी प्रकार के पलायन से इंकार करते हैं। पर जम्मू बस अड्डे और रेलवे स्टेशन पर प्रवासी श्रमिकों की भीड़ कुछ और ही दृश्य बयां करती है।
यह भी सच है क सोनमर्ग के गगनगीर में 6 प्रवासियों समेत सात लोगों की हत्याएं कश्मीर में पहली बार नहीं हुई हैं। कश्मीर में जबसे आतंकवाद फैला है प्रवासी नागरिक हमेशा ही आतंकियों के निशाने पर इसलिए रहे हैं क्योंकि आतंकियों की नजर में ये प्रवासी कश्मीर की डेमोग्राफी को बदलने की कथित साजिश के तहत कश्मीर में आ रहे हैं।
ऐसा भी नहीं है कि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को हटा कर जम्मू कश्मीर के दो टुकड़े कर उसे केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिए जाने की कवायद के बाद ऐसे हमलों और हत्याओं में कोई कमी आई हो बल्कि यह अनवरत रूप से जारी हैं।
यह सच है कि आतंकी हमले के बाद वहां प्रवासी मजदूरों में डर का माहौल है और वो जल्द से जल्द अपने घर जाना चाहते हैं। जम्मू कश्मीर के गंदरबल में हुए आतंकी हमले के बाद से वहां के प्रवासी मजदूर खुद को असुरक्षित और भयभीत महसूस कर रहे हैं। मिलने वाली खबरें कहती हैं कि इसके बाद से बिहार और देश के अन्य राज्यों के मजदूरों ने कश्मीर को छोड़ना शुरू कर दिया है।
हालांकि कश्मीर पुलिस का दावा है कि सोशल मीडिया पर चल रही ऐसी खबरें झूठी हैं जिनमें दावा किया जा रहा है कि स्थानीय प्रशासन ने गैर-स्थानीय श्रमिकों को कश्मीर छोड़ने के लिए कहा है। जम्मू कश्मीर पुलिस ने ट्विटर पर लिखा है कि सभी व्यक्तियों को बिना किसी डर या भय के अपनी आजीविका चलाने के लिए सुरक्षा और सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए वह प्रतिबद्ध है। आम जनता को सलाह दी जाती है कि वे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ऐसी झूठी सूचनाओं पर ध्यान न दें।
Edited by navin rangiyal