तिहाड़ जेल में सुरक्षा पर उठे सवाल, महीनेभर के अंदर हुई 2 कैदियों की हत्या
Inmates killed in Tihar Jail: दिल्ली की तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में एक महीने से भी कम समय के अंदर दूसरे गैंगस्टर की हत्या इस तरह की घटनाओं को टालने के लिए एक विस्तृत योजना लागू करने के अधिकारियों के दावे पर सवाल खड़े करती है। अधिकारियों ने बताया कि चूक का पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया गया है।
कड़ी सुरक्षा वाली जेल (high-security jail) में बंद सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया (33) की गोगी गिरोह के 4 कैदियों ने मंगलवार सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर हत्या कर दी। जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ताजपुरिया को कड़ी सुरक्षा वाली जेल में निचले तल पर रखा गया था।
उन्होंने बताया कि हमलावर- दीपक उर्फ तीतर, योगेश उर्फ टुंडा, राजेश और रियाज खान उसी वार्ड के प्रथम तल पर रखे गए थे। उच्च सुरक्षा वाले वार्ड के प्रथम तल पर लगी लोहे की जाली को कथित तौर पर काटा और चादर की सहायता से वे नीचे उतर आए। अधिकारी के अनुसार इसके बाद हमलावरों ने ताजपुरिया पर धारदार वस्तु से हमला किया। हमले में घायल हुए ताजपुरिया को दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इससे पहले 14 अप्रैल को जेल में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के प्रिंस तेवतिया (33) की एक कैदी से कहासुनी होने के बाद प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्यों ने हत्या कर दी थी। तेवतिया एक विचाराधीन कैदी था और उसे जेल संख्या 3 के वार्ड नंबर 6 में रखा गया था, जहां करीब 380 कैदी थे।
अधिकारियों ने दावा किया कि तेवतिया के साथ हुई घटना के बाद वे धारदार हथियार और मोबाइल फोन जैसी अन्य अवैध वस्तुओं को ढूंढने के लिए सभी वार्ड में गहन तलाशी ले रहे हैं। वे सीसीटीवी कैमरे से भी जेल के अंदर हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि इस तरह की घटना फिर से कैसे हुई? जेल के एक अधिकारी ने कहा कि हमले को डेढ़ मिनट के अंदर अंजाम दिया गया और हमलावर ताजपुरिया की कोठरी में उन स्थानों से होकर गए थे, जो कैमरे की जद में नहीं थे। उन्होंने कहा कि वे (हमलावर) सीधे बैरक में नहीं घुसे, अन्यथा वे पकड़ लिए जाते।
उन्होंने कहा कि जब टिल्लू ने हमलावरों को देखा, वह अन्य कैदी की कोठरी की ओर भागा। कैदी (रोहित) ने उसे बचाने की कोशिश की थी लेकिन घटना को डेढ़ मिनट के अंदर अंजाम दे दिया गया। यह पूछे जाने पर कि सभी स्थानों पर कैमरे क्यों नहीं लगाए गए हैं? अधिकारी ने कहा कि कैदियों की निजता सुनिश्चित करने के लिए 'वॉशरूम' जैसे स्थानों पर इन्हें नहीं लगाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि चूक का पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया गया है। कैदियों के बीच झड़प होने की स्थिति में उन तक पहुंचने में लगने वाला समय घटाने के लिए एक विस्तृत योजना को क्रियान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जेल में जिन स्थानों पर कुख्यात अपराधियों और प्रतिद्वंद्वी गुटों के सदस्यों को रखा गया है, वहां तलाशी लेने की जिम्मेदारी तमिलनाडु विशेष पुलिस बल और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कर्मियों को दी गई है तथा तेवतिया की हत्या के बाद इसमें तेजी लाई गई है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta