अरविंद केजरीवाल की जान को खतरा, प्रिंस तेवतिया और टिल्लू ताजपुरिया का उदाहरण देकर दिल्ली हाईकोर्ट में PIL
PIL In Delhi High Court : दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को असाधारण अंतरिम जमानत दिए जाने का अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है कि जेल में केजरीवाल की सुरक्षा खतरे में है क्योंकि वे दुर्दांत अपराधियों के साथ कैद हैं।
केजरीवाल कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं।
याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री की जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए, सभी मुद्दों पर त्वरित निर्णय लेने और बड़े पैमाने पर जनता की भलाई में आदेश पारित करने के लिए केजरीवाल के उनके कार्यालय और घर में व्यक्तिगत रूप से मौजूद होना आवश्यक है।
याचिका कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पी. एस. अरोड़ा की पीठ के समक्ष 22 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
इसमें कहा गया है कि एक मुख्यमंत्री को दैनिक आधार पर विभिन्न मुद्दों और समस्याओं पर कई आदेश और निर्देश पारित करने की आवश्यकता होती है, जो जेल या न्यायिक हिरासत से संभव नहीं है।
याचिकाकर्ता एक कानून छात्र, ने याचिका में अपना नाम हम, भारत के लोग बताया और दावा किया कि वे इस मामले से कोई नाम, लोकप्रियता या पैसा नहीं चाहते हैं।
जनहित याचिका (पीआईएल) में दावा किया गया कि केजरीवाल की सुरक्षा खतरे में है क्योंकि वह दुर्दांत अपराधियों के साथ बंद हैं और ये अपराधी बलात्कार, हत्या, डकैती और बम विस्फोट जैसे मामलों में मुकदमों का सामना कर रहे हैं।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि जेल अधिकारियों द्वारा दी गई सुरक्षा के बावजूद प्रिंस तेवतिया और टिल्लू ताजपुरिया जैसे गैंगस्टर सहित कई कैदियों की हिरासत में हत्या कर दी गई थी। इनपुट भाषा