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Last Updated : शुक्रवार, 25 मार्च 2022 (13:29 IST)

पेट्रोल-डीजल फिर महंगा, महाराष्ट्र के परभणी में पेट्रोल 115 रुपए पार, जानिए देश में कहां मिल रहा है सबसे सस्ता?

पेट्रोल-डीजल फिर महंगा, महाराष्ट्र के परभणी में पेट्रोल 115 रुपए पार, जानिए देश में कहां मिल रहा है सबसे सस्ता? - Petrol Diesel rates highest in Parbhani, crossed 115 rs per litter mark
नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में शुक्रवार को एक बार फिर 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई। 4 दिनों में तीसरी बार कीमतों में बढ़ोतरी की गई है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 97.01 रुपए प्रति लीटर से बढ़कर अब 97.81 रुपए प्रति लीटर और डीज़ल की कीमत 88.27 रुपए प्रति लीटर से बढ़कर 89.07 रुपए हो गई है।
 
पेट्रोल तथा डीज़ल की कीमतें रिकॉर्ड 137 दिन तक स्थिर रहने के बाद 22 मार्च को बढ़ाई गई थीं। इसके बाद 23 मार्च को भी इनकी कीमतों में प्रति लीटर 80 पैसे की बढ़ोतरी की गई थी। एक दिन छोड़कर 25 मार्च को फिर दोनों ईंधन के दाम बढ़ा दिए गए।


महाराष्‍ट्र के परभणी में सबसे महंगा पेट्रोल : देश में सबसे महंगा पेट्रोल महाराष्‍ट्र के परभणी में है। यहां पेट्रोल 115.70 पैसे प्रति लीटर मिल रहा है। परभणी में ईंधन नासिक जिले के मनमाड से आता है। मनमाड से परभणी की दूरी 340 किलोमीटर है। परभणी में 1 लीटर डीजल की कीमत 98.34 रुपए लीटर है। राज्य के नांदेड़ में पेट्रोल की कीमत 114.45 रुपए प्रति लीटर हो गई जबकि सिंधुदूर्ग में पेट्रोल के दाम 114.18 पैसे प्रति लीटर है। नांदेड़ में 1 लीटर डीजल के 97.16 रुपए रुपए चुकाने होंगे। राजस्थान के हनुमानगढ़ में पेट्रोल 113.96 रुपए प्रति लीटर और मध्य प्रदेश के अनूपपुर में पेट्रोल 113.11 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है।
 
अंडमान निकोबार में सबसे सस्ता पेट्रोल-डीजल : देश में सबसे सस्ता पेट्रोल अंडमान निकोबार में मिल रहा है। यहां 1 लीटर पेट्रोल के दाम मात्र 84.98 रुपए प्रति लीटर है। इसी तरह यहां 1 लीटर डीजल के मात्र 79.21 रुपए ही चुकाने होते हैं।

137 दिन तक पेट्रोल कंपनियों ने क्यों नहीं बढ़ाए दाम : उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले चार नवंबर, 2021 से ही पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें स्थिर बनी हुई थीं। हालांकि, इस अवधि में कच्चे तेल की कीमत 30 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ गई थी। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही पेट्रोल एवं डीज़ल के दाम में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन पेट्रोलियम कंपनियों ने कुछ दिन और इंतजार किया। ऐसा कहा जा रहा है कि अब पेट्रालियम विपणन कंपनियां अपने घाटे की भरपाई कर रही हैं।
 
आयात पर कितना निर्भर है भारत : ‘क्रिसिल रिसर्च’ के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में हुई वृद्धि से पूरी तरह से पार पाने के लिए दरों में 9 से 12 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की आवश्यकता है। भारत अपनी तेल की जरूरतें पूरी करने के लिए आयात पर 85 फीसदी निर्भर है।
 
टैक्स का खेल : पेट्रोल डीजल के दामों में इतना अंतर ढुलाई लागत के साथ ही टैक्स के खेल की वजह से है। केंद्र के साथ ही हर राज्य पेट्रोल डीजल पर अलग से VAT ले रहा है। इस वजह से सभी स्थानों पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी अंतर है। महाराष्‍ट्र, आंध्रप्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकारों ने पेट्रोल डीजल पर सबसे ज्यादा टैक्स लगा रखा है इसलिए यहां के लोगों को ज्यादा कीमत चुकानी होती है। महाराष्‍ट्र में 100 रुपए के पेट्रोल पर 52.5 रुपए टैक्स सरकार के खाते में जाता है तो आंध्र में 52.4 रुपए टैक्स के रूप चुकाने होते हैं। मध्यप्रदेश और राजस्थान में 100 के पेट्रोल पर क्रमश: 50.6 और 50.8 रुपए टैक्स लगता है। सरकार टैक्स घटाकर भी काबू कर सकती है पेट्रोल डीजल के दाम।