• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Non bailable warrant issued against main accused of Haldwani violence
Last Modified: हल्द्वानी , बुधवार, 14 फ़रवरी 2024 (22:48 IST)

Haldwani Violence : हल्द्वानी हिंसा के मुख्य आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी

Haldwani violence case
Non bailable warrant issued against main accused of Haldwani violence : उत्तरखंड में हल्द्वानी हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक के खिलाफ बुधवार को एक गैर जमानती वारंट जारी किया गया। मलिक ने बनभूलपुरा में मदरसे का निर्माण कराया था और उसने इसे ध्वस्त किए जाने का विरोध किया था।
 
अधिकारियों ने यहां बताया कि वारंट के जरिए पुलिस को उसके घर की तलाशी लेने और उसे पकड़ने के लिए आवश्यक अन्य कदम उठाने की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि पुलिस अब उसकी संपत्ति की कुर्की के लिए अदालत में याचिका भी दायर कर सकती है।
 
इस बीच, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बुधवार को मलिक की पत्नी सफिया द्वारा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक लगाने के अनुरोध संबंधी एक जनहित याचिका पर सुनवाई की। शहर के बनभूलपुरा इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जहां आठ फरवरी से कर्फ्यू लगा हुआ है। उच्च न्यायालय की सुनवाई से पहले सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी।
 
वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय में बनभूलपुरा के एक निवासी का पक्ष रखते हुए बुधवार को दलील दी कि उनके मुवक्किल को क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने से पहले अदालत में जवाब दाखिल करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाना चाहिए था।
बनभूलपुरा में ‘अवैध ढांचों’ को ढहाने से आठ फरवरी को इलाके में हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई थी और पुलिस एवं पत्रकारों सहित 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे। खुर्शीद ने दलील दी कि चूंकि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा चुकी है और ऐसे में याचिकाकर्ता को कोई राहत नहीं दी जा सकती, लेकिन उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए ऐसा नहीं किया गया।
उन्होंने दावा किया कि याचिकाकर्ता को नोटिस दिए जाने के चार दिन बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई, जबकि कानून के तहत उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाना चाहिए था। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है और याचिका पर अगली सुनवाई मई के दूसरे हफ्ते में होगी। कुमाऊं के आयुक्त दीपक रावत ने शहर में आठ फरवरी को हुई हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच शुरू की।
उन्हें 10 फरवरी को जांच का काम सौंपा गया था और उन्हें 15 दिन में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने को कहा गया था। कुमाऊं के आयुक्त ने आम जनता को सूचित किया है कि यदि कोई व्यक्ति उपरोक्त घटना से संबंधित कोई भी तथ्य, साक्ष्य/बयान दर्ज कराना चाहता है तो वह व्यक्ति एक सप्ताह के अन्दर कैंप कार्यालय आयुक्त कुमाऊं मंडल, नैनीताल में जाकर साक्ष्य सहित अपना बयान दर्ज करा सकता है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 
ये भी पढ़ें
किसान आंदोलन के बीच 17 फरवरी को मुजफ्फरनगर में महापंचायत