2024 केलोकसभा चुनाव में भाजपा को जीत की हैट्रिक लगाने से रोकने के लिए विपक्ष की एकता की मुहिम और विपक्ष के नेताओं पर जांच की आंच सियासी तौर पर सबसे बीते सप्ताह सबसे अधिक चर्चित मुद्दा रहा। लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को चुनौती देने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सप्ताह के शुरु में दिल्ली दौरे पर आए और कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ख़ड़गे,आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत लेफ्ट के नेताओं से मुलाकात की।
विपक्ष की एकजुटता मुहिम में राहुल गांधी से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार उसी शाम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिले। नीतीश से मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि “नीतीश जी ने पहल की है और सबको इकट्ठा कर रहे हैं. विपक्ष को इकट्ठा कर रहे हैं, बहुत अच्छा कर रहे है। हम पूरी तरह से इनके साथ है। जिस तरह यह लोगों को जोड़ रहे है हम इनके साथ है”।
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष की एकजुटता मुहिम में पहली बार अरविंद केजरीवाल और विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस एक साथ आते हुए दिखाई दे रहे है। वहीं शुक्रवार को एनसीपी नेता शरद पवार ने राहुल गांधी से मुलाकात में कांग्रेस के सामने एकजुटता को जो रोडमैप रखा उसमें उन्होंने आम आदमी पार्टी और टीएमसी को साथ लेने पर जोर दिया और कांग्रेस को इसमें आगे बढ़कर अपनी भूमिका अदा करने की बात कही।
2024 से पहले विपक्ष को एकजुट करने के लिए जो कॉमन रोडमैप बनाया गया है उसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव,तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव, उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन रेड्डी से बात करने की बात कही गई है। विपक्ष की एकजुटता मुहिम में काफी सक्रिय दिख रहे राहुल गांधी ने कहा कि यह प्रक्रिया आरंभ हुई है, हम सब पार्टियां इस प्रक्रिया को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
विपक्ष की एकजुटता पर जांच की आंच-2024 के लोकसभा चुनाव के लिए जिस तेजी से विपक्ष के नेता एकजुट होते जा रहे है उतनी ही तेजी से विपक्ष के नेताओं पर जांच की आंच बढ़ती जा रही है। नीतीश और केजरीवाल की मुलाकात के 48 घंटे भी नहीं बीते थे कि दिल्ली कथित तौर पर हुए शराब घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सीबीआई ने पूछताछ के लिए तलब कर लिया। सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए 16 अप्रैल को बुलाया है। गौरतलब है कि कथित शराब घोटाले मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पहले पहले ही सलाखों के पीछे पहुंच गए है।
ऐसा नहीं है कि अरविंद केजरीवाल विपक्ष के पहले नेता है जिन पर केंद्रीय एजेंसियों की जांच की आंच है। 2024 के लोकसभा चुनाव में तीसरा मोर्चा बनाने की मुहिम का नेतृत्व करने वाले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बेटी के. कविता भी ईडी की जांच में फंस हुई है। दिल्ली शराब घोटाले में ईडी के कविता से पहले पूछताछ कर चुकी है। गौरतलब है के. कविता 'साउथ ग्रुप' के उन प्रतिनिधियों में से एक हैं, जिसने कथित तौर पर दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेताओं को 100 करोड़ रुपए की रिश्वत दी थी।
वहीं बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव जो विपक्ष की एकता की मुहिम के एक प्रमुख सूत्रधार है, के खिलाफ लैंड फॉर जॉब स्कैम के मामले में सीबीआई और ईडी के राडार पर है। वहीं तेजस्वी यादव के पिता और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समेत पूरे लालू परिवार कई मामलों में ईडी और सीबीआई की जांच के दायरे में है।
विपक्ष की एकता की मुहिम की सबसे मजबूत कड़ी एनसीपी नेता शरद पवार के भतीजे अजित पवार भी केंद्रीय एजेंसियों की जांच में फंसे है। महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले मामले में ईडी अजित पवार और उनकी पत्नी के खिलाफ जांच अंतिम चरणों में है। बताया जा रहा है कि ईडी ने पूरे मामले में कोर्ट में जो चार्जशीट पेश की है उसमें अजित पवार और उनकी पत्नी का नाम नहीं शामिल है लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। पिछले दिनों अजित पवार के भाजपा में शामिल होने की अटकलें भी खूब चर्चा में रही।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगातार चुनौती दे रही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उनके भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी और उनके करीबी चिटफंड से लेकर कोयला खनन घोटाले और शिक्षक घोटले में फंसे हुए है।
2014 के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सबसे मुखर रहने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी जो मोदी सरनेम वाले बयान में मानहानि घोटाले में अपनी संसद सदस्यता गवां चुके है उनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों की जांच की एक लंबी फेहिरश्त है। राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड, बैंक के खिलाफ टिप्पणी, गौरी-लंकेश में भाजपा और आरएसएस के मामले में जांच में फंसे है।
ऐसे में जब विपक्ष के नेता लगातार केंद्र सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के सियासी इस्तेमाल का आरोप लगा रहे है तब चुनावी साल में विपक्ष की एकजुटता मुहिम के बीच बड़े नेताओं के खिलाफ जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, वैसे-वैसे विपक्ष की एकजुटता की अग्निपरीक्षा भी होगी।