मुश्किल में आरजी कर कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल, CBI कर सकती है पॉलीग्राफ टेस्ट
इस अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार और उसकी हत्या किए जाने का मामला सामने आया है। घोष ने 9 अगस्त को अस्पताल के सम्मेलन कक्ष में पीड़िता का शव मिलने के दो दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वह पूछताछ के लिए कई बार केंद्रीय जांच एजेंसी के समक्ष पेश हो चुके हैं।
एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी भाषा से कहा कि हम घोष के जवाबों की और पुष्टि करना चाहते हैं, क्योंकि हमारे द्वारा पूछे गए प्रश्नों के कुछ उत्तरों में झोल है इसलिए हम उनका पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं। जांचकर्ताओं ने परास्नातक प्रशिक्षु चिकित्सक के बलात्कार और हत्या के मामले की जांच के तहत घोष से मंगलवार को भी पूछताछ की थी।
सवालों के घेरे में पूर्व प्रिंसिपल : अधिकारी ने बताया कि सीबीआई अधिकारियों ने पिछले कुछ दिनों में घोष से विभिन्न सवाल पूछे हैं। उन्होंने बताया कि घोष से सवाल किए गए कि चिकित्सक की मौत की खबर मिलने के बाद उनकी क्या प्रतिक्रिया थी, शव मिलने के बाद उन्होंने किससे संपर्क किया, उन्होंने माता-पिता को शव देखने के लिए करीब तीन घंटे तक इंतजार क्यों कराया आदि।
अधिकारी ने बताया कि घोष से आरजी कर अस्पताल के उस सम्मेलन कक्ष से सटे कमरों के मरम्मत कार्य की अनुमति के बारे में भी पूछताछ की गई, जहां चिकित्सक का शव मिला था।
क्या होता है पॉलीग्राफ टेस्ट : पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान व्यक्ति द्वारा प्रश्नों के उत्तर दिए जाते समय एक मशीन की मदद से उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है और यह पता लगाया जाता है कि वह सच बोल रहा है या झूठ।
इससे पहले, सीबीआई ने स्थानीय अदालत से संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति ली थी। रॉय को इस मामले में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आज उसका पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि 9 अगस्त को कोलकता के आरजी कर कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने पिछले सप्ताह इस मामले की जांच कोलकाता पुलिस से अपने हाथ में ले ली थी।
Edited by : Nrapendra Gupta