बिहार के बाहर नीतीश की पार्टी को बड़ा झटका, जदयू नेता का मोदी पर पलटवार
पटना। मणिपुर के 5 जदयू विधायकों के भाजपा में शामिल होने से बिहार के बाहर जदयू को बड़ा झटका लगा है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन (ललन सिंह) और वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के बीच जुबानी जंग चल रही है। ललन सिंह ने सुशील मोदी से सवाल किया कि जब अरुणाचल प्रदेश के 6 विधायकों को तोड़कर भाजपा ने 2020 में अपनी पार्टी में मिलाया था, तब क्या जद (यू) भाजपा से अलग था?
ललन सिंह ने ट्वीट कर कहा कि लगता है आप कुछ पाने के लिए ज़्यादा ही व्याकुल हैं। अरुणाचल प्रदेश के 6 विधायकों को तोड़कर भाजपा ने 2020 में अपनी पार्टी में मिलाया था, तब क्या जद (यू.) भाजपा से अलग था ?
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि मणिपुर के सभी विधायक 10 अगस्त को पटना आए और मुख्यमंत्री जी के फैसले की सराहना करते हुए एकजुटता भी दिखाई। फिर अचानक ऐसा क्या हुआ? स्पष्ट है कि धन-बल का खेल हुआ है.....! हमलोगों की शुभकामनाएं आपके साथ है... जल्दी से आपको कुछ मिल जाए।
इससे पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में जदयू के टूटने के कारण यह है कि दोनों राज्यों में जद-यू के विधायक नाराज थे। जद-यू की अन्य प्रदेश इकाइयों में भी जल्द विद्रोह होगा।
मोदी ने कहा कि जदयू पैसे लेकर दल-बदल कराने का अनर्गल आरोप लगा रहा है, जबकि सच यह है कि नीतीश कुमार की नीति और नीयत के विरुद्ध उनकी पार्टी में भारी विरोध पनप रहा है। जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से पूर्व 2 राज्यों में बड़ा झटका लगना नेतृत्व के अहंकार पर सीधा प्रहार है।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के भाजपा से गठबंधन तोड़ने के निर्णय से मणिपुर JDU में विद्रोह। मणिपुर, अरुणांचल JDU मुक्त।