नई दिल्ली। अगर आप वाहन सही तरीके से, कम व्यस्त समय और कम दूरी तक चलाते हैं तो भविष्य में आपको मोटर बीमा प्रीमियम कम देना पड़ सकता है।
बीमा नियामक इरडा ने एक प्रस्ताव दिया है जिसके तहत मोटर बीमा प्रीमियम ‘ब्लैक बाक्स’ आधारित गाड़ी चलाने की आदत की वास्तविक समय पर निगरानी, वाहन के उपयोग तथा तय की गई दूरी जैसी बातों पर निर्भर करेगी।
इरडा ने इस बारे में लोगों की टिप्प्णी मांगी है। इसमें अन्य बातों के अलावा यह पूछा गया है कि आखिर सावधानी से और कम दूरी तक गाड़ी चलाने वाले तथा सामान्य रूप से कम व्यस्त समय में गाड़ी चलाने वाले चालक से उतना ही प्रीमियम क्यों लिया जाए जो लापारवाही से वाहन चलाते हैं।
फिलहाल देश में वाहन बीमा का प्रीमियम वाहन के विनिर्माण और माडल, उसकी क्षमता और भौगोलिक उपयोग जैसे मानकों पर आधारित है।
इरडा ने वाहन बीमा प्रीमीयम का निर्धारण करने के लिए ‘टेलीमैटिक्स’ की धारणा देते हुए कहा है, 'ग्राहकों की गाड़ी चलाने की आदत अलग-अलग है। साथ ही वाहनों के उपयोग भी अलग-अलग है। ये चीजें कई कारकों पर निर्भर है जिसमें परिवहन का नया रूप, जनकांकीय बदलाव, व्यक्ति अपनी कार चला रहा है या दूसरे की आदि शामिल हैं।
टेलीमेटिक्स से आशय वाहनों के लिये दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी के एकीकृत उपयोग से है। इसका उपयोग वास्तिवक समय पर जानकारी देने, सड़क पर सहायता तथा वाहनों पर नजर रखने में किया जाता है।
टेलीमेटिक्स बीमा को ‘ब्लैक बाक्स बीमा’, जीपीएस कार बीमा, स्मार्ट बाक्स बीमा, गाड़ी चलाने के हिसाब से भुगतान तथा उपयोग आधारित बीमा समेत अन्य नाम नामों से भी जाना जाता है।
इस प्रौद्योगिकी को 2000 में ब्रिटेन और अमेरिका में पेश किया गया और स्मार्ट फोन प्रौद्योगिकी के साथ आसान और सस्ता ‘इंस्टालेशन’ प्रक्रिया के कारण लागत में धीरे-धीरे कम हो रही है। इटली और दक्षिण अफ्रीका में भी इस प्रौद्योगिकी का उपयोग हो रहा है।
इरडा ने परिचर्चा पत्र में इस बारे में आठ सितंबर तक टिप्पणी मांगी है। इसमें बीमा नियामक ने कहा है कि मोटर बीमा के संदर्भ में टेलीमैटिक्स विचार आज काफी चर्चा हो रही है। इसका कारण यह कीमत निर्धारण के लिहाज से अधिक वैज्ञानिक तरीका है। साथ ही इससे बीमा लेने वाले, बीमाकर्ता तथा कुल मिलाकर समाज को लाभ है।
इरडा के अनुसार टेलीमैटिक्स बीमा वाहन के एक छोटे उपकरण को लगाये जाने से काम करता है। इस उपकरण को ‘ब्लैक बाक्स’ कहा जाता है जो ‘गति प्रतिरूप’ और ‘दूरी’ को रिकार्ड करता है। साथ ही यह इस बात को भी रिकार्ड करता है कि चालक किस तरह की सड़क और (दिन या रात में अथवा सप्ताहांत) तथा कितनी दूरी तक गाड़ी चलाता है।
इस व्यवस्था के लागू होने के साथ उन लोगों के लिए मोटर बीमा प्रीमियम में कमी आएगी जो सावधानीपूर्वक, कम दूरी तक तथा कम व्यस्त समय में गाड़ी चलाते हैं।
यह प्रणाली चुराए गए वाहन को पता लगाने तथा चालकों को बेहतर मार्गों के बारे में जानकारी देने में ईंधन बचाने में भी मददगार हो सकती हैं। (भाषा)